पुतिन (बायें) और ट्रम्प
इतने महत्वपूर्ण घटनाक्रम में दो तथ्यों पर गौर किया जाना चाहिए। रूस ने अभी तक अपने अधिकारियों के नाम नहीं जारी किये, जिन्हें सऊदी अरब जाकर अमेरिकी अधिकारियों से बात करनी है। हैरानी की बात है कि यूक्रेन जो इस युद्ध का प्रमुख पक्षकार है, उसे इस अमेरिका ने वार्ता में बुलाया ही नहीं है। यानी कहा जा सकता है कि अमेरिका इस बातचीत को लेकर ज्यादा उत्साहित है। सऊदी अरब को बातचीत का स्थल चुने जाने की वजह ये है कि सऊदी अरब के रूस और अमेरिका दोनों से अच्छे संबंध हैं।
बीबीसी का कहना है कि यूएस-रूस मीटिंग में कोई यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल शामिल नहीं होगा। हालांकि बाद में जब वार्ता के दौर आगे बढ़ेंगे तो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी शामिल होंगे। ट्रम्प ने रविवार को कहा था, "हां, वे (जेलेंस्की) इसमें शामिल होंगे।" अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पिछले साल अपने प्रचार अभियान के दौरान बार-बार रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कसम खाई थी।