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बवाल : ट्रम्प पर विवादास्पद फायरिंग और कुत्ते-बिल्ली का भक्षण!

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जमकर सुर्ख़ियों में बने हुए हैं. मीडिया में छाये  रहने के लिए ट्रम्प को मारने की कोशिश को पूर्व राष्ट्रपति जोन.एफ. कैनेडी की हत्या से की जा रही है. छोटे पर्दे पर दोनों की तस्वीरें साथ साथ लगाई जारी हैं. लेकिन, दर्शक इसे देख कर हंस रहे हैं।  इसे ट्रम्प की चुनाव प्रचार रणनीति के एक हिस्से के रूप में देख रहे हैं.(पाठकों को याद होगा कि जब  22 नवंबर  1963 में राष्ट्रपति कैनेडी अपनी पत्नी के साथ अमेरिका के दक्षिण प्रान्त  टेक्सास के डल्लास नगर की यात्रा कर रहे, तब  ली हार्वे ओसवाल्ड नाम के व्यक्ति ने उनकी हत्या कर दी थी.).    
US President Election 2024: Trump second assassination bid and Kamala Harris campaign development  - Satya Hindi
कुछ स्थानों पर प्रत्याशियों के समर्थन में अब बोर्ड नजर आने लगे हैं। कमला हैरिस के समर्थन में लगाया गया बोर्ड।
डोनाल्ड ट्रम्प पर पहला हमला जुलाई में हुआ था और उनके कान को छूते हुई गोली निकल गई थी. पर हमलावर बच नहीं सका और सीक्रेट पुलिस की गोली से मारा गया था. परन्तु ,इस दफ़ा रयान  रूथ को पकड़ लिया गया है और उस पर पहले से ही अवैध गन रखने के केस चल रहे हैं. लोगों को हैरानी यह है कि ट्रम्प अपने ही ‘ट्रम्प इंटरनेशनल गोल्फ’ में थे और रूथ कैसे वहां पहुँच गया ? पिछली दफा भी हमलावर सार्वजानिक सभा में था. दोनों ही दफ़ा निशाने चूक गए. इसने संदेहों से भरे विवादों को हवा दे दी है.  लेकिन, राष्ट्रपति सहित सभी बड़े नेताओं ने चिंता व्यक्त की है। सुरक्षा को लेकर सीक्रेट सर्विस पुलिस जबरदस्त स्तर पर सक्रिय हो गई है।
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पिछले दो महीने में ट्रम्प पर दूसरी दफ़ा हत्या की कोशिश से  उन पर  जहां मीडिया में सुर्ख़ियों की बरसात हुई है, वहीं ताज़ा घटना ने हत्या की कोशिशों को विवादास्पद भी बना दिया है.  ट्रम्प की खिलंदड़ी फितरत को देखते हुए  आम लोगों में दोनों बार की कोशिशें संदेहों से घिर गई हैं. लोगों की नज़रों में ट्रम्प अपने विरोधी उम्मीदवार कमला हैरिस से पिछड़ गए हैं. वे बहस से  मिले सदमें से उबरने की जुगत में हैं.
वास्तव में, राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रम्प पर पहले से ही बेहद भड़काऊ कथन को लेकर बवाल मचा हुआ है. पिछले सप्ताह उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेट प्रत्याशी व उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ पहली बहस में ही चुनावी माहौल का पारा ऊपर चढ़ा दिया है. उन्होंने बहस के दौरान गुस्सैल मुद्रा में कह डाला था कि ओहायो राज्य के स्प्रिंगफ़ील्ड में अवैध हैती प्रवासी ‘ पालतू कुत्ते -बिल्लियों को खा रहे हैं.’ इस ट्रम्प -उवाच के साथ ही अमेरिकी समाज भड़क उठा और ध्रुवीकरण का सिलसिला भी तेज़ हो गया.
मीडिया आर्मी  स्प्रिंगफ़ील्ड पर टूट पड़ी. ऐसे हैती परिवार की पहचान करने की कोशिशें शुरू  हो गई जो  पालतुओं को खाकर गुजर-बसर कर रहे हैं. लेकिन, अभी तक  कोई वैध-अवैध हैती प्रवासी पकड़ में नहीं आया जोकि ट्रम्प के दावे की पुष्टि करे. हालांकि, उत्तर बहस -चुनाव प्रचार में ट्रम्प अपने उक्त दावे को दोहराने से कतरा रहे हैं. शायद इसलिए उपराष्ट्रपति पद के लिए  रिपब्लिकन पार्टी के  ही उम्मीदवार जे डी वेन्स ने पहले पालतू जानवरों को  खाने की अफ़वाह को तूल दिया था, लेकिन अब वे मान रहे हैं कि यह सही नहीं हो सकती हैं. वेन्स ओहायो से सेनेटर भी हैं.
ट्रम्प के इस कथन के बाद स्प्रिंगफ़ील्ड में अफ़वाहों का बाज़ार गरमा गया. अफ़वाह फ़ैल गई कि एक स्कूल को बम से उड़ा दिया जायेगा. हैती समुदाय नाराज़ हैं. ट्रम्प ने उन्हें बदनाम कर दिया है. स्थानीय लोग इन हैती आप्रवासियों से नफरत करने लगेंगे.
 ट्रम्प के दावे  को ‘ हैती आप्रवासी पालतू पशुओं को खा रहे हैं को blood libel के समान बताया जा रहा है.” ब्लड लाइबेल का संबंध यहूदी -विरोध व नफ़रत से है जिसका इस्तेमाल 1935 में हिटलर ने जर्मनी में किया था. उस समय अफ़वाह फैलाई गई थी कि यहूदी गैर -यहूदियों को पकड़ कर उनकी हत्या कर रहे हैं, बलि चढ़ाई जा रही है. प्रसिद्ध दैनिक अखबार द न्यू यॉर्क टाइम्स ने  तो इस  डरावनी हरकत को लेकर  लीडिया पोल्गरीन का स्तम्भ भी प्रकाशित किया है जिसमें लेखक ने लिखा है “ ट्रम्प ने अस्वीकारीय रेखा का अतिक्रमण किया है” 
संयोग से, कल शाम इस लेखक की एक सत्तर पार यहूदी महिला से भेंट हुई थी. वह महिला इस लेखक की पुत्री के यहां आई हुई थी. . उन्होंने भी ट्रम्प के दावे पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा था कि यही दुष्प्रचार हिटलर ने हम यहूदियों के विरुद्ध किया था. इस मानव -विरोधी अफ़वाह की वजह से ही लाखों यहूदियों की जाने गईं थी.
उक्त विदूषी महिला ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू की भी कड़ी आलोचना की. वे कहने लगीं,” लगता है  इजराइल के प्रधानमंत्री  यहूदियों के महाविनाश (holocaust ) को भूल गये  हैं.” वे इससे सहमत थीं कि हमास-इजराइल जंग में 35 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी मर चुके हैं और “ युद्ध बंदी के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं.शायद इसलिए ट्रम्प और नेतन्याहू के बीच दोस्ती है.” इस लेखक ने उनके कथन में जोड़ा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी ट्रम्प और नेतन्याहू के साथ खासी यारी -दोस्ती है. 
‘ब्लड लिबल’  को लेकर याद आया कि भारत में भी गऊ रक्षक के निशाने पर मुस्लिम रहते हैं. पिछले सालों में गऊ मांस ( बीफ ) की अफ़वाह और संदेह के रहते हुए कुछ  निरपराध मुस्लिम मारे भी जा चुके हैं. पिछले ही दिनों हरियाणा में एक हिन्दू युवक भी गऊ रक्षकों की आक्रामकता का शिकार हो चुका  है; भीड़ हिंसा, लव जिहाद, हिजाब विरोध  जैसी घटनाएं  ‘ सामान्य’ घटनाओं में शुमार होती जा रही हैं.
अमेरिका के विभिन्न राज्यों में 12 लाख से अधिक प्रवासी हैती रहते हैं. इन्हें सरकारी संरक्षण भी प्राप्त है. बाइडन -प्रशासन ने भी इन प्रवासियों को संरक्षण दे रखा है. डोनाल्ड ट्रम्प के दावे से दोनों ही  डेमोक्रेट और रिपब्लिकन समर्थक बेहद अचम्भित हैं. इससे माहौल खराब हो सकता है. वैसे स्प्रिंगफ़ील्ड में तनाव फैला हुआ है. इसकी वज़ह भी है. ट्रम्प ने फिर दोहराया है, “ हम इन लोगों  को खदेड़ कर रहेंगे.” ट्रम्प का दावा है,” हम अपने देश के इतिहास में सबसे बड़ी तादात में इन लोगों को देश -बाहर करेंगे. हम इसकी शुरुआत स्प्रिंगफ़ील्ड और औरोरा से करेंगे.” ट्रम्प कैलिफ़ोर्निया  में मीडिया से बात कर रहे थे.
US President Election 2024: Trump second assassination bid and Kamala Harris campaign development  - Satya Hindi
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थन में लगाया गया बोर्ड
2020 में बने ‘ ब्लड ट्राइब (नव - नाज़ी राष्ट्रीय  समूह) ‘ के संस्थापक नेता  क्रिस्टोफर पोहलहाउस उर्फ़ हैमर ने भी अपने भाषणों से हैतियों को आक्रांत किया है. ज़ाहिर है, यह समूह ट्रम्प और स्वेत वर्चस्ववाद का हिमायती है. यदि यह समूह बड़े पैमाने पर हरक़त में आ जाता है तो आनेवाले दिनों में चुनाव प्रचार कोई भी मोड़ ले सकता है! दूसरी ओर आर्थिक नीतियों के संबंध में कमला हैरिस से और अधिक स्पष्ट होने की अपेक्षा की जाती है। ट्रंप धनिक वर्ग के समर्थन और आप्रवासी विरोधी नीतियों को लेकर आक्रामकता के साथ मुखर हैं। माना जा रहा है कि देश की सबसे पुरानी पार्टी रिपब्लिकन अब ट्रंप की पॉकेट में सिमटती जा रही है; ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी कहा जा रहा है। भाजपा की भी  इसी से मिलती जुलती परिभाषा की जा रही है!
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फिलहाल, कुल मिलाकर कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प का प्रचार हिंसा से बचा हुआ है और दिलचस्प बनता जा रहा है।समर्थकों ने अपने घर के  सामने प्रचार बोर्ड लगाना शुरू कर दिया है।
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रामशरण जोशी | बोस्टन से
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