सुलिवन ने कहा कि "रूस चीन के करीब होता जा रहा है। वास्तव में, यह चीन का जूनियर पार्टनर बनता जा रहा है। और जब भी स्टैंड लेने की बात आएगी, रूस भारत के बजाय चीन का पक्ष लेगा। और... प्रधानमंत्री मोदी, निश्चित रूप से, इस बारे में गहरी समझ रखते होंगे। भारत के खिलाफ चीन आक्रामक है, जिसे हमने हाल के वर्षों में देखा है।”
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुलिवन की इस टिप्पणी से पहले इसी मुद्दे पर पेंटागन, व्हाइट हाउस और विदेश विभाग के प्रवक्ताओं ने रूस के साथ भारत के संबंधों और मोदी की मॉस्को यात्रा पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे चुके हैं। यानी मोदी की रूस यात्रा पर अमेरिका के शीर्ष स्तर से यह तीसरी टिप्पणी है।