loader
स्क्रीनशॉट CBC News वीडियो

द. अफ्रीका: भारतीयों पर हमले, व्यवसायों को बनाया निशाना, 117 की मौत

दक्षिण अफ्रीका में जो हिंसा हो रही है, उसमें भारतीय मूल के लोगों को ज़्यादा निशाना बनाया जा रहा है। भारतीय मूल के लोगों के व्यवसायों को लूट लिया गया है और उन्हें तहस-नहस भी कर दिया गया है। अफ़्रीका के गौतेंग और क्वाज़ुलु-नटाल राज्यों में भारतीय मूल के कई लोगों की हत्या हो चुकी है। हिंसक माहौल में अब तक 117 लोगों की मौत हो चुकी है। 

हिंसा करने वाले पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के समर्थक हैं। अफ्रीकी सरकार ने हालात को क़ाबू करने के लिए 20 हज़ार से ज़्यादा जवानों की तैनाती कर दी है। 

तबाही का मंजर 

डरबन, में 10 लाख से ज़्यादा भारतीय रहते हैं। इन लोगों ने बीते दिनों में तबाही का मंजर देखा है। इस दौरान दंगाइयों ने दुकानों, गोदामों को लूटने के बाद उनमें आग लगा दी। डरबन में भारतीय मूल के लोग ख़ुदरा और टेक्नोलॉजी से जुड़े व्यवसाय, मोटर डीलरशिप, चिकित्सा केंद्र, फ़ार्मेसी और सुपरमार्केट चलाते हैं। 

ताज़ा ख़बरें

जुमा को सजा के बाद बवाल

जैकब जुमा को अदालत की अवमानना के मामले में 15 महीने की सजा सुनाई गई है। जुमा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। वह 2009 से 2018 तक देश के राष्ट्रपति के पद पर रहे थे। बीते बुधवार को उन्हें जेल भेज दिया गया था। इसके बाद उनके समर्थक या दंगाई सड़कों पर उतर आए और उन्होंने सार्वजनिक संपत्तियों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। 

जुमा के समर्थकों ने सड़कों और हाईवे को भी जाम कर दिया और टायरों में आग लगा दी। हिंसा में सैकड़ों लोग घायल हो गए हैं और पुलिस ने कई दंगाइयों को गिरफ़्तार कर लिया है।

डरबन चैंबर ऑफ कॉमर्स के अफ़सर ज़ानेले खोमो ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि लूटपाट के कारण डरबन में 16 बिलियन रैंड (82,59,42,27,008 भारतीय रुपये) का नुक़सान हुआ है और यहां एक तिहाई से ज़्यादा व्यवसाय भारतीय लोगों के हैं। उन्होंने कहा कि लूटपाट के कारण 50 हज़ार व्यापारियों पर बेहद ख़राब असर पड़ा है और 1,29,000 नौकरियों को ख़तरा पैदा हो गया है।

violence in south africa Indian attacked by jacob zuma supporters - Satya Hindi

दिनदहाड़े हुई लूट 

क्वाज़ुलु-नटाल प्रांत में व्यवसाय करने वाले रोहित (बदला हुआ नाम) ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि लूटपाट के कारण उन्हें अब तक 2 मिलियन डॉलर का नुक़सान हो चुका है। उन्होंने कहा कि हज़ारों की संख्या में आए लोगों ने दिनदहाड़े स्टोर्स और दुकानों से सामान लूट लिया और सुरक्षा बल उन्हें नहीं रोक सके। 

इसी तरह, फ़ीनिक्स जहां 1 लाख से ज़्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं, वहां लूट के साथ नस्लीय हिंसा की घटनाएं भी हुई हैं। यहां भारतीय मूल के लोगों और अश्वेतों के बीच लड़ाईयां हुई हैं और कई लोगों की मौत हुई है। 

दुनिया से और ख़बरें

60 लाख की आबादी वाले इस देश में 13 लाख भारतीय रहते हैं। डरबन के अलावा पीटरमैरिट्सबर्ग और जोहान्सबर्ग में भी बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं। ख़बरों के मुताबिक़, यहां भी भारतीयों और भारतीय मूल के अफ्रीकियों के व्यवसायों को बड़ी संख्या में दंगाइयों ने निशाना बनाया है। 

भारत ने उठाया मामला 

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस बारे में अफ्रीकी समकक्ष डॉक्टर नालेडी पांडोर से बात की है। दक्षिण अफ्रीका ने भरोसा दिलाया है कि उनकी सरकार क़ानून एवं व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पूरी ताक़त से काम कर रही है और जल्द से जल्द शांति स्थापित करने की कोशिश में जुटी है। विदेश मंत्रालय के सचिव संजय भट्टाचार्य ने भी दक्षिण अफ्रीका के राजदूत से मुलाक़ात की और हालात को लेकर बात की है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें