शिरीष खरे की किताब 'एक देश बारह दुनिया' आज के भारत और पाठकों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है, यह समझने की ज़रूरत है। पढ़िए, कृष्णन मुरारी की समीक्षा।