संविधान संशोधन विधेयक सहित तीन विधेयक पेश किए जाने पर फिर से मोदी सरकार पर लोकतंत्र पर हमला करने और 'सुपर इमरजेंसी' का आरोप लगा है। कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे 'पुलिस स्टेट' क़रार दिया तो कुछ ने कहा कि यह 'विपक्ष मुक्त लोकतंत्र' की कवायद है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि यह विधेयक संविधान की मूल संरचना के ख़िलाफ़ है। राहुल गांधी ने कहा है कि मध्ययुगीन काल में वापसी है।
नए विधेयक पर राहुल बोले- मध्ययुगीन काल में वापसी; महुआ बोलीं- 'भारत में सुपर इमरजेंसी'
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- 20 Aug, 2025
संविधान संशोधन विधेयक को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। नेताओं का कहना है कि यह कदम लोकतंत्र पर हमला है और भारत में 'सुपर इमरजेंसी' लागू करने जैसा है। जानें किस विपक्षी नेता ने क्या कहा।

संविधान संशोधन विधेयक पर विपक्ष बोला- 'भारत में सुपर इमरजेंसी'
दरअसल, भारत की संसद में बुधवार को एक बार फिर से बड़ी राजनीतिक हलचल हुई जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 और केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 भी पेश किए गए। दावा किया गया है कि इन विधेयकों का मक़सद भ्रष्टाचार या गंभीर अपराधों के आरोपों का सामना कर रहे और 30 दिनों तक लगातार हिरासत में रहने वाले प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों को हटाने का कानून बनाना है। विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।