प्रतीकात्मक तस्वीर
इस हिसाब से 2003 की सूची में अब केवल 3.16 करोड़ लोग ही बिहार में मतदाता के रूप में बचे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह, 4.74 करोड़ लोगों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने होंगे, जो 2020 की जनसंख्या अनुमानों के 4.76 करोड़ के आंकड़े से मेल खाता है।