रूस-यूक्रेन युद्ध ने आधुनिक युद्ध की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है। इस बदलाव का सबसे बड़ा कारण है ड्रोन तकनीक, जिसने न केवल युद्ध की रणनीति को नया रूप दिया, बल्कि विश्व शक्तियों के बीच तकनीकी होड़ को भी तेज कर दिया। यूक्रेन ने अपनी ड्रोन रणनीति से रूस जैसे महाबली देश को भारी नुक़सान पहुंचाया है, जिसने दुनिया को हैरान कर दिया। भारत-पाकिस्तान के हालिया सैन्य तनाव में भी इसका इस्तेमाल हुआ था।
ड्रोन तकनीक से बदल रही है युद्ध की तस्वीर
- विश्लेषण
- |
- |
- 2 Jun, 2025

ड्रोन तकनीक ने आधुनिक युद्धों की रणनीति और परिणाम को पूरी तरह बदल दिया है। जानिए कैसे ड्रोन युद्धक्षेत्र में क्रांति ला रहे हैं, और इसकी सैन्य, तकनीकी और नैतिक चुनौतियाँ क्या हैं।
ऑपरेशन स्पाइडर वेब
क्षेत्रफल के लिहाज से दुनिया का सबसे बड़ा देश रूस इस समय यूक्रेन के ड्रोन हमलों से कराह रहा है। दोनों देशों के बीच दस साल से तनाव चला आ रहा है, जो 2022 में पूर्ण युद्ध में बदल गया। मई 2025 में तुर्की के इस्तांबुल में शांति वार्ता हुई थी, और दुनिया को युद्ध रुकने की उम्मीद थी। लेकिन 1 जून 2025 को यूक्रेन ने "ऑपरेशन स्पाइडर वेब" के तहत रूस के पांच प्रमुख एयरबेस—बेलाया, ड्यागिलेवो, इवानोवो सेवरनी, ओलेन्या, और यूक्रेनका—पर ड्रोन हमले किए। इस हमले में रूस के 40 से ज्यादा स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स यानी बमवर्षक विमान (जैसे Tu-95, Tu-22M, और A-50) नष्ट हो गए, जिससे रूस को 7 अरब डॉलर का नुक़सान हुआ और उसकी 34% क्रूज मिसाइल वाहक क्षमता प्रभावित हुई।