नागरिकों को इस बात पर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि देश की औसत आयु से लगभग दो गुना उम्र के जो लोग इस समय सत्ताओं पर क़ाबिज़ हैं या उसे हासिल करने के लिये संघर्षरत हैं वे किसी न किसी गंभीर या गंभीर बन जाने वाली बीमारी से पीड़ित हो सकते है। यह भी कि उन्हें उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के नाम पर उपलब्ध कराए गए लौह आवरण की आड़ में वे जितने आश्वस्त नज़र आते हैं हक़ीक़त में उतने होंगे नहीं।