13 जून, 2025 की सुबह, जब दुनिया की नज़रें मिडिल ईस्ट पर टिकी थीं, इसराइल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले किए। नतांज़ और फोर्डो में धमाकों की गूँज, छह शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या, और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर हुसैन सलामी की मौत ने विश्व को स्तब्ध कर दिया। लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात थी कि इन हमलों में इस्तेमाल हुए ड्रोन ईरान के अंदर से ही उड़े। इस खतरनाक मिशन का मास्टरमाइंड थी इसराइल की रहस्यमयी और खूंखार जासूसी एजेंसी—मोसाद। आखिर मोसाद है क्या, जिसने ईरान को इतना बड़ा नुकसान पहुँचाया?