सबसे बड़ी राष्ट्रवादी पार्टी होने का दावा करने वाली बीजेपी अब एक आतंकवादी के मुद्दे पर चौतरफ़ा घिरी है। यह मुद्दा किसी आतंकी हमले का नहीं है, बल्कि एक ऐसे आतंकवादी का है जो कथित तौर पर बीजेपी का पदाधिकारी बन गया था। जम्मू-कश्मीर में रविवार को पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों में से एक का संबंध कथित तौर पर बीजेपी के साथ था। वह जम्मू कश्मीर में बीजेपी आईटी सेल का प्रमुख रहा था। यह मुद्दा सामने आने के बाद अब सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि यदि किसी विपक्षी दल के किसी सदस्य पर आतंकवादियों से संबंध का आरोप लगता तो बीजेपी की प्रतिक्रिया कैसी होती? क्या बीजेपी टीवी चैनलों से लेकर सोशल मीडिया तक देश भर में एक बड़ी बहस नहीं खड़ी कर चुकी होती?