यूपी में पसमांदा मुसलमानों के सम्मेलन का फाइल फोटो।
कौन हैं मोदी मित्र, क्या है इनका कामः अब सवाल उठता है कि आखिर मोदी मित्र कौन हैं और इनका काम क्या है। इस बारे में जमाल सिद्दीकी कहते हैं कि ऐसे मुसलमान ढूंढना भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन मुस्लिम समाज में प्रधानमंत्री को निजी तौर पर पसंद करने वालों की संख्या बढ़ी है। हमारी कोशिश उन तक पहुंचकर उन्हें मोदी मित्र बनने को राज़ी करना और उनके जरिए मुस्लिम समाज में पार्टी की नीतियों और कार्यक्रमों की पहुंच को बढ़ाना है। मोदी मित्र बनने के लिए किसी खास योग्यता की जरूरत नहीं है। इनमें वकील, इंजीनियर, डाक्टर और सरकारी कर्मचारी भी हो सकते हैं। इनका काम सिर्फ समाज में पीएम नरेंद्र मोदी और उनके विज़न का प्रचार-प्रसार करना है।
दिल्ली में होगा मोदी मित्रों सम्मेलनः देशभर में मुस्लिम मोदी मित्रों की फौज खड़ी करने में जुटे बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चे ने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव से पहले इन राज्यों में मोदी मित्रों का राज्य स्तरीय सम्मेलन करने की योजना बनाई है। इसके अलावा विधानसभा चुनावों के बाद दिसंबर में दिल्ली में मुस्लिम छात्रों का एक बड़ा सम्मेलन करने की योजना है।