कश्मीरी पंडितों की हत्या करने वालों और उन्हें पलायन को मजबूर करने वालों के घर बुलडोजर क्यों नहीं चला पाती है सरकार? क्यों उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में ही चलते हैं बुलडोजर? क्या चुनिंदा तरीके से चंद लोगों को उनके मकान ध्वस्त करके प्रदर्शनकारी होने की सज़ा दे रही है सरकार? ये प्रश्न बुलडोजर नहीं चलाने और चलाने दोनों ही स्थितियों में सरकार को ही सवालों के कठघरे में खड़े करते हैं। सरकार इनमें से किसी भी प्रश्न का उत्तर देने को तैयार नहीं है।
यूपी में ही क्यों चलते हैं बुलडोजर, कश्मीर में आतंकियों से डरती है सरकार?
- विश्लेषण
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- 13 Jun, 2022

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बार फिर बुलडोजर चलाया है। लेकिन कश्मीर के आतंकियों पर बीजेपी की सरकार के ये बुलडोजर क्यों नहीं चलते? क्या उसकी नज़र बहुसंख्यकवाद पर है।
पैगंबर के खिलाफ अपमानजक बातें नूपुर शर्मा ने 26 मई को जिस डिबेट में की, उसमें चर्चा ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग-फव्वारे पर हो रही थी। यह मुद्दा अदालत में पहुंच चुका था और इस पर चर्चा को बहुत खींचना मुश्किल हो रहा था।
वास्तव में तब मुद्दा कश्मीरी पंडितों के पलायन का था और खास किस्म की मीडिया उस पर बहस से बच रही थी ताकि बीजेपी को असहज स्थिति में जाने से रोका जा सके। ऐसी मीडिया को बोलचाल की भाषा में ‘गोदी मीडिया’ नाम दिया जा चुका है।
वास्तव में तब मुद्दा कश्मीरी पंडितों के पलायन का था और खास किस्म की मीडिया उस पर बहस से बच रही थी ताकि बीजेपी को असहज स्थिति में जाने से रोका जा सके। ऐसी मीडिया को बोलचाल की भाषा में ‘गोदी मीडिया’ नाम दिया जा चुका है।