वैश्विक व्यापार का परिदृश्य अमेरिका और चीन के बीच चल रहे टैरिफ विवाद से हिल गया है। यह विवाद न केवल इन दो महाशक्तियों को प्रभावित कर रहा है, बल्कि पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल में चीन से आयातित सामानों पर भारी टैरिफ लगाकर एक नए ट्रेड वॉर की शुरुआत कर दी है। लेकिन चीनी अर्थव्यवस्था के ताज़ा आँकड़े बता रहे हैं कि वह अमेरिकी हमले को झेलते हुए अपनी रफ़्तार बनाये रखने में कामयाब रहा है। अमेरिका भारत पर भी टैरिफ़ बढ़ाने का दबाव डाल रहा है, लेकिन चीन को नियंत्रित करने में भारत का समर्थन उसके लिए बेहद ज़रूरी है।
ट्रंप के 'टैरिफ वार' के सामने दम दिखाती चीनी अर्थव्यवस्था
- विश्लेषण
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- 19 Jul, 2025

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था में अपेक्षाकृत मजबूती देखी जा रही है। जानें कैसे चीन इस आर्थिक दबाव का मुकाबला कर रहा है।
टैरिफ विवाद और चीन
टैरिफ यानी आयात शुल्क, जो एक देश दूसरे देश से आने वाले सामानों पर लगाता है। अमेरिका ने चीनी सामानों पर टैरिफ को 20% से बढ़ाकर 145% तक कर दिया। जवाब में, चीन ने अमेरिकी उत्पादों जैसे कोयला और प्राकृतिक गैस पर 125% तक टैरिफ लगाया। यह विवाद 2018 से शुरू हुआ, जब ट्रम्प ने पहली बार चीन पर टैरिफ लगाए थे ताकि अमेरिका का बढ़ता व्यापार घाटा कम हो सके। इस बार ट्रम्प ने कनाडा, मेक्सिको और यूरोपीय संघ को भी टैरिफ की धमकी दी है, जिससे वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मच गई है। कई विशेषज्ञ इसे 1930 की महामंदी जैसे हालात से जोड़ रहे हैं।