प्रियंका गांधी से कितनी उम्मीदें रखी जानी चाहिए ? सवाल के जवाब के साथ कई संकट जुड़े हैं। मसलन, ज़्यादा उम्मीदें कीं और वे पूरी नहीं हुईं तो निराशा हाथ लगेगी। प्रियंका ने कुछ करके दिखा दिया तो पूछा जाने लगेगा वे पहले क्यों नहीं प्रकट हुईं ? इतने साल क्यों लगा दिए ? चिंता की जाने लगेगी कि जो प्रियंका कर रही हैं राहुल क्यों नहीं कर पाए ? या सवाल होने लगेंगे कि राहुल अब क्या करने वाले हैं ? प्रियंका क्या करने वाली हैं ? कांग्रेस के कितने इलाक़े में वे काम करने वाली हैं ? वे क्या नहीं करेंगीं ? इन सब सवालों को लेकर कार्यकर्ताओं-नेताओं, प्रशंसकों और पार्टी के स्थायी चापलूसों के मुक़ाबले प्रियंका का स्वयं का संकट भी काफ़ी बड़ा और चुनौतीपूर्ण बनने वाला है।
प्रियंका में इंदिरा गांधी की छवि नहीं तलाशी जानी चाहिए!
- विश्लेषण
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- 29 Mar, 2025
प्रियंका गांधी वायनाड से कांग्रेस सांसद बन गई है। उन्हें इस तरह पेश किया जा रहा है, जैसे कांग्रेस ने कोई बहुत बड़ा मोर्चा फतह कर लिया हो। लेकिन प्रियंका या कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता अगर यह सोचता है कि किसी शख्सियत के संसद में पहुंचने मात्र से पार्टी को जनाधार मिल जाएगा, वो गलतफहमी में है। प्रियंका के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, उनमें कांग्रेसी इंदिरा गांधी क्यों तलाश कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग की टिप्पणीः
