लोकसभा चुनाव में अभी 4 महीने बाकी है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है। नए साल के पहले ही दिन नरेंद्र मोदी ने डेढ़ घंटे का इंटरव्यू देकर तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखी। नेहरू-गाँधी परिवार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि 'नेशनल हेरल्ड' मामले में ज़मानत पर चल रहे राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी को रफ़ाल मुद्दे पर उनसे सवाल पूछने का कोई हक़ नहीं है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा था कि रफ़ाल मामले में उन पर व्यक्तिगत आरोप ही लगे हैं। प्रधानमंत्री के इस इंटरव्यू का जवाब राहुल गाँधी ने आधे घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गाँधी ने पीएम को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर प्रधानमंत्री में हिम्मत है तो वह रफ़ाल मुद्दे पर मुझसे 20 मिनट आमने-सामने चर्चा करें। उसके बाद देश तय करे कि इस डील में भ्रष्टाचार हुआ है या नहीं।'
राहुल ने अपनाए तीखे तेवर, इंटरव्यू का जवाब दे मोदी को बैकफ़ुट पर धकेला
- विश्लेषण
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- 6 Jan, 2019
नरेंद्र मोदी के डेढ़ घंटे के इंटरव्यू में उठाए गए तमाम मुद्दों का जवाब आधे घंटे के प्रेस कॉन्फ्रेंस में देकर राहुल ने प्रधानमंत्री को बैकफ़ुट पर धकेल दिया है।

रफ़ाल पर हमला
राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री पर सीधा हमला बोला और रफ़ाल मुद्दे पर 5 सवाल पूछे। राहुल दो टूक बोले, 'मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि हम रफ़ाल मामले पर प्रधानमंत्री जी हम आप ही से सवाल पूछ रहे हैं। पता नहीं प्रधानमंत्री कौन सी दुनिया में रहते हैं।' राहुल गाँधी ने एक बार फिर अपनी हर चुनावी रैली में दिया नारा दोहराया। राहुल बोले, 'देश जान गया है कि चौकीदार ही चोर है।' राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री और बीजेपी के इस तर्क को पूरी तरह खारिज किया कि सुप्रीम कोर्ट ने रफ़ाल मुद्दे पर सरकार को क्लीन चिट दे दी है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह कहा है कि इसकी जाँच का मामला उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। सुप्रीम कोर्ट ने यह कहीं भी यह नहीं कहा कि राफ़ाल मुद्दे की जांच नहीं हो सकती या उस पर संयुक्त संसदीय समिति जाँच नहीं कर सकती। एक सवाल के जवाब में राहुल ने साफ़ कर दिया कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है तो निश्चित तौर पर संसदीय समिति से इस मामले की जाँच कराएगी।