ऐतिहासिक बन चुके 5 जुलाई 2023 के दिन अजित दादा पवार या ‘दादा’ अजित पवार को मुंबई के बांद्रा स्थित मुंबई एजुकेशनट्रस्ट परिसर में बोलते हुए टीवी पर सुना या देखा था क्या? ‘दादा’ जब अपने ‘काका’ शरद पवार को चैलेंज कर रहे थे तब देखकर कैसा महसूस हो रहा था? ‘दादा’ अपनी बात मराठी में ‘सांग’ रहे थे यानी बोल रहे थे। मराठी समझ नहीं आती हो तो भी जो चल रहा था सब साफ़ था।
‘दादा’ का चुनाव चिन्ह, डिटर्जेंट पाउडर और बीजेपी की वाशिंग मशीन!
- विश्लेषण
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- 10 Jul, 2023

2024 के चुनावों के बाद कितने कपड़े उजले होकर वाशिंग मशीन से बाहर निकलेंगे और कितने चिथड़े होकर? महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल के क्या मायने हैं?
अब अजित दादा के उस दिन के चेहरे को याद कीजिये जब शरद पवार अत्यंत नाटकीय अन्दाज़ में पार्टी-अध्यक्ष पद से पूर्व में दिये अपने इस्तीफ़े को वापस लेने के बाद बेटी सुप्रिया सुले और ‘तब’ अत्यंत ‘विश्वस्त’ प्रफुल पटेल को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी की सारी ज़िम्मेदारी सौंप रहे थे! अजित पवार को कुछ नहीं मिला था। अजित पवार की बांद्रा बैठक की तैयारी उसी क्षण से प्रारंभ हो गई थी।