20 जनवरी, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली और उसी दिन जन्मसिद्ध नागरिकता (Birthright Citizenship) को सीमित करने वाला एक कार्यकारी आदेश जारी किया। इस आदेश ने अमेरिका में जन्मे उन बच्चों को नागरिकता देने से रोकने की कोशिश की, जिनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या वैध स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड धारक) नहीं है। यह आदेश विशेष रूप से अनधिकृत अप्रवासियों और अस्थायी वीजा (जैसे H-1B) धारकों के बच्चों को निशाना बनाता है। ट्रंप ने इसे “बर्थ टूरिज्म” और अवैध प्रवास को रोकने के लिए जरूरी बताते हुए दावा किया कि यह नीति अमेरिका की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है। आदेश में फेडरल एजेंसियों को निर्देश दिया गया कि वे ऐसे बच्चों के लिए नागरिकता साबित करने वाले दस्तावेज जारी न करें। यह आदेश 20 फरवरी, 2025 से लागू होने वाला था।
संवैधानिक विवाद
इस आदेश ने अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन को चुनौती दी, जो 1868 में लागू हुआ था। यह संशोधन गृहयुद्ध के बाद मुक्त हुए अश्वेत अमेरिकियों को नागरिकता की गारंटी देता है और 1898 के सुप्रीम कोर्ट के वोंग किम आर्क फैसले में स्पष्ट किया गया कि माता-पिता की आप्रवासन स्थिति चाहे जो हो, अमेरिका में जन्मा बच्चा नागरिक है। ट्रंप का तर्क था कि यह संशोधन गैर-कानूनी अप्रवासियों पर लागू नहीं होता, क्योंकि वे “अमेरिका के अधिकार क्षेत्र” में नहीं हैं।