दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र कहलाने वाला अमेरिका, लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से उपजे 33 साल के एक नौजवान की कामयाबी से बौखलाया हुआ है। ज़ोहरान ममदानी, न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतकर सुर्खियों में हैं। उन्होंने पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो जैसे दिग्गज को हराकर इतिहास रचा है लेकिन उनकी  इस जीत के बाद इस्लामोफोबिया की लहर पैदा की जा री है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके समर्थक ममदानी की मुस्लिम पहचान को निशाना बना रहे हैं। यह अमेरिका के लोकतंत्रिक होने के दावों की पोल खोलता है? ममदानी के पुरखे गुजरात के थे और वे प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक मीरा नायर और पोलिटकल साइंटिस्ट महमदूद ममदानी के बेटे हैं।

लिबर्टी?

न्यूयार्क के पास लिबर्टी द्वीप पर खड़ी की गयी 93 मीटर ऊँची स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी स्वतंत्रता और आप्रवासियों के स्वागत का प्रतीक रही है। 1886 में फ्रांस ने इसे अमेरिका को मैत्री के उपहार के रूप में दिया था। लेकिन आज, इस मूर्ति को सोशल मीडिया पर बुर्के में दिखाया जा रहा है। रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने एक एडिटेड तस्वीर शेयर कर दावा किया कि ममदानी की जीत से न्यूयॉर्क का यही हाल होगा। यह न सिर्फ ममदानी की मुस्लिम पहचान पर हमला है, बल्कि एक सुचिंतित प्रचार है, जिसे "बिलो द बेल्ट" यानी घटिया राजनीति कहा जा सकता है। राष्ट्रपति ट्रंप ने भी धमकी दी है कि अगर ममदानी मेयर बने, तो न्यूयॉर्क की संघीय फंडिंग रोकी जाएगी। आखिर कौन हैं ज़ोहरन ममदानी, जिनसे ट्रंप और उनके समर्थक इतने खफा हैं?

ज़ोहरन ममदानी: एक नई आवाज़

ज़ोहरन ममदानी ने 24 जून, 2025 को न्यूयॉर्क सिटी की डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीतकर सनसनी मचा दी। उन्होंने क्यूमो जैसे धनाढ्य और प्रभावशाली नेता को हराया, जिनके पास भारी फंडिंग थी। ममदानी की जीत का राज़ उनकी ग्रासरूट रणनीति और जनता से जुड़े मुद्दे थे। खुद को सोशल डेमोक्रेट कहने वाले ममदानी ने कुछ बड़े वादे किये हैं,
जैसे-
  • किराया नियंत्रण: 10 लाख रेंट-स्टेबलाइज्ड अपार्टमेंट्स के किराए को स्थिर करना।
  • मुफ्त सिटी बसें: परिवहन लागत कम करने के लिए मुफ्त बस यात्रा।
  • मुफ्त चाइल्डकेयर: कामकाजी परिवारों के लिए राहत।
  • शहर की किराना दुकानें: खाद्य असुरक्षा से निपटने के लिए सस्ती दुकानें।
  • अमीरों पर टैक्स: 1% सबसे अमीरों पर 2% वेल्थ टैक्स और कॉरपोरेट टैक्स को 7.25% से 11.5% करने का प्रस्ताव।
  • श्रमिक अधिकार और पर्यावरणीय न्याय: आर्थिक और सामाजिक असमानता को कम करना।
इन नीतियों ने न्यूयॉर्क की जनता का दिल जीता, जो मकान किराए की बढ़ोतरी, खाद्य असुरक्षा (5 लाख बच्चे हर रात भूखे सोते हैं), और परिवहन लागत से परेशान है। ममदानी की एक टिकटॉक वीडियो, जिसमें वे कोनी आइलैंड के ठंडे पानी में कूदकर कहते हैं, "I'm freezing… your rent," ने उनके किराया स्थिरीकरण के वादे को वायरल कर दिया। उनकी साथ जुड़े 50,000 से अधिक वॉलंटियर्स ने घर-घर जाकर 35 डॉलर जैसे छोटी राशि के चंदे से 8 मिलियन डॉलर की राशि इकट्ठा कर ली जो दिखाता है कि जनता उनकी नीतियों पर भरोसा कर रही है।

भारत से रिश्ता

1991 में युगांडा के कंपाला में जन्मे ममदानी मशहूर युगांडाई स्कॉलर महमूद ममदानी और भारतीय फ़िल्ममेकर मीरा नायर के बेटे हैं। मीरा नायर की फ़िल्में जैसे मॉनसून वेडिंग और सलाम बॉम्बे! पहचान और प्रवास के मुद्दों पर केंद्रित हैं। उनके पुरखे गुजराती मुस्लिम थे, और उनके पिता का जन्म मुंबई में हुआ। सात साल की उम्र में ममदानी न्यूयॉर्क आए और 2018 में अमेरिकी नागरिक बने। इस वैश्विक पृष्ठभूमि ने उनके विचारों को गढ़ा, जो सामाजिक न्याय और समानता पर आधारित हैं। लेकिन यही विचार उनके खिलाफ हमलों का कारण भी बने।

इस्लामोफ़ोबिया

ममदानी की प्राइमरी जीत के कुछ घंटों बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ 6,200 से अधिक इस्लामोफोबिक पोस्ट्स  (इस्लाम का हव्वा खड़ा करके भय पैदा करना) की बाढ़ आ गई। मार्जोरी टेलर ग्रीन ने स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को बुर्के में दिखाया, सांसद एंडी ओगल्स ने उनकी नागरिकता रद्द करने की मांग की, और कुछ ने 9/11 का हवाला देकर उन्हें "जिहादी" कहा। ट्रंप ने उन्हें "100% पागल कम्युनिस्ट" करार दिया और धमकी दी कि अगर ममदानी "सही व्यवहार" नहीं करेंगे, तो न्यूयॉर्क की संघीय फंडिंग (100 बिलियन डॉलर से अधिक) रोकी जाएगी।

ट्रंप ने ममदानी के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इन्फोर्समेंट को "फासीवादी" कहने और न्यूयॉर्क में इसे रोकने के वादे की आलोचना की।

इसके अलावा, ममदानी ने बयान दिया था कि इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को न्यूयॉर्क में गिरफ्तार करेंगे जिस पर काफ़ी विवाद हुआ। वैसे इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने 21 नवंबर, 2024 को नेतन्याहू के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। ममदानी ने "ग्लोबलाइज़ द इंतिफादा" का समर्थन किया। उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों के लिए वैश्विक न्याय आंदोलन के रूप में परिभाषित किया, लेकिन आलोचकों ने इसे हिंसा से जोड़ा। ममदानी ने स्पष्ट किया कि वे हिंसा का समर्थन नहीं करते, और अमेरिका के होलोकॉस्ट म्यूज़ियम में भी "इंतिफादा" शब्द का ज़िक्र यहूदी विद्रोह के संदर्भ में है। फिर भी, यहूदी लॉबी और रिपब्लिकन नेताओं ने इसे "यहूदी-विरोधी" करार दिया।

न्यूयॉर्क के समीकरण

क्या ममदानी की लोकप्रियता सिर्फ मुस्लिम समुदाय तक सीमित है? नहीं। न्यूयॉर्क की आबादी में 40% ईसाई, 20% यहूदी, 9% मुस्लिम, और बाकी हिंदू, सिख, बौद्ध या गैर-धार्मिक हैं। ममदानी की जीत का आधार व्यापक था—युवा, प्रगतिशील, और आप्रवासी समुदायों का गठजोड़। उनकी नीतियां न्यूयॉर्क की समस्याओं—मकान किराए की बढ़ोतरी, खाद्य असुरक्षा, और परिवहन लागत—से सीधे जुड़ी हैं। उनकी मुफ्त बस यात्रा, सस्ती किराना दुकानें, और अमीरों पर टैक्स की नीतियों ने जनता में भरोसा जगाया। लेकिन यही नीतियां पूंजीवाद के कट्टर समर्थकों, जैसे ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी के कुछ नेताओं को भी खटक रही हैं। वे उन्हें “कम्युनिस्ट" प्रचारित कर रहे हैं। 

ममदानी का जवाब

ममदानी इन हमलों से पीछे नहीं हटे। उन्होंने खुद को मार्टिन लूथर किंग जूनियर का अनुयायी बताया, जिनका "I Have a Dream" भाषण समानता और न्याय की मिसाल है। ममदानी ने कहा, "चाहे इसे जनतंत्र कहें या जनतांत्रिक समाजवाद, इस देश में ईश्वर की सभी संतानों के लिए धन का बेहतर वितरण होना चाहिए।"

अमेरिकी लोकतंत्र का इम्तिहान

ममदानी की कहानी अमेरिका के भविष्य का इम्तिहान है। दास प्रथा खत्म करने वाले राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की 1865 में और नस्लभेद के खिलाफ समानता और मानवाधिकार की लड़ाई लड़ने वाले मार्टिन लूथर किंग की 1968 में गोली मार दी गयी थी। ममदानी भी इसी रास्ते पर चलने का दावा कर रहे हैं और निर्भय होकर गैरबराबरी, और शोषण के ख़िलाफ़ बोल रहे हैं। ऐसे में उन्हें घेरने के लिए मुस्लिम पहचान को निशाना बनाया जा रहा है। ट्रंप और उनके समर्थकों का प्रचार न्यूयॉर्क के उदार माहौल में ध्रुवीकरण पैदा कर रहा है।
चार महीने बाद, 4 नवंबर, 2025 को होने वाले सामान्य चुनाव में ममदानी का सामना कर्टिस स्लिवा (रिपब्लिकन), एरिक एडम्स (स्वतंत्र), और संभवतः एंड्रयू क्यूमो (स्वतंत्र) से होगा। न्यूयॉर्क का डेमोक्रेटिक झुकाव उनकी जीत की संभावना को मजबूत करता है जहाँ आमतौर पर डेमोक्रेटिक पार्टी का ही मेयर बनता है।

ज़ोहरान ममदानी की जीत सिर्फ एक मेयर उम्मीदवार की जीत नहीं, बल्कि अमेरिका के भविष्य की कहानी है। क्या न्यूयॉर्क समानता और न्याय का रास्ता चुनेगा, या नफरत और डर की सियासत हावी होगी? नतीजे इसका जवाब देंगे। ममदानी की बढ़त बताती है कि न्यूयॉर्क की जनता बदलाव चाहती है, लेकिन यह इच्छा नफ़रत के तूफान से पार पा पाएगी या नहीं, इसी पर सबकी नज़र है।