नायडू मोदी विरोधी नेताओं के मोर्चे को मज़बूत करने में जुटे हैं। लेकिन अपने ही राज्य आंध्र प्रदेश से उनकी पार्टी के नेता वाईएसआर कांग्रेस की तरफ़ रुख कर रहे हैं।
चंद्रबाबू नायडू पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में काफ़ी सक्रिय हैं। नायडू नरेंद्र मोदी विरोधी मोर्चे को मज़बूत करने में लगे हुए हैं। उन्होंने एलान किया हुआ है कि उनका सबसे बड़ा लक्ष्य नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी से हटाना है। नायडू कई बार कह चुके हैं कि कोई भी नेता मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री हो सकता है।
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चेन्नई में चंद्रबाबू ने कहा था कि डीएमके नेता स्टालिन, मोदी से बेहतर प्रधानमंत्री हो सकते हैं। इसी तरह से दिल्ली में उन्होंने आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल का नाम लिया था।
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‘अपने’ ही नेता छोड़ रहे पार्टी
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जगन का पकड़ रहे हाथ
टीडीपी छोड़ने वाले नेताओं ने चंद्रबाबू की जमकर आलोचना की और बताया कि कई बड़े नेता चंद्रबाबू से नाराज़ हैं और वे भी कुछ दिनों में तेलगु देशम का साथ छोड़कर जगन की पार्टी में शामिल हो जाएँगे।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि 1989 में जो ग़लती टीडीपी के संस्थापक और आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. टी. रामा राव (एनटीआर) ने की थी, वही ग़लती अब चंद्रबाबू भी कर रहे हैं।
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हाल ही में हुए एक ओपिनियन पोल के नतीजे भी चंद्रबाबू के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। सर्वे के निष्कर्षों को सही मानें तो चंद्रबाबू की लोकप्रियता कम हो रही है और टीडीपी का जनाधार भी कम हो रहा है।
अब सवाल यही है कि क्या चंद्रबाबू अपनी रणनीति बदलेंगे और सत्ता बचाए रखने की कोशिश पर ज़्यादा ध्यान देंगे। या फिर, मोदी को प्रधानमंत्री की कुर्सी से उतारने की कोशिश में कहीं चंद्रबाबू की मुख्यमंत्री की कुर्सी ही न चली जाए।