कांग्रेस को हराने के लिए असम की राजनीति में आने के सोलह साल बाद इत्र विक्रेता बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व में ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़) ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर सहमति जताई है।
असम की राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत, कांग्रेस और एआईयूडीएफ़ में गठबंधन
- असम
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- 6 Oct, 2020

पहले गोगोई जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता कहते रहे हैं कि एआईयूडीएफ़ एक ‘सांप्रदायिक’ पार्टी और बीजेपी की ‘बी टीम’ है, जो कांग्रेस के वोट को काटने के लिए उम्मीदवार खड़ी करती है। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की पहले यह राय थी कि असम में, जो पहचान के मुद्दों से भड़का हुआ है, एआईयूडीएफ़ के साथ किसी भी गठबंधन को सांप्रदायिक रूप से ध्रुवीकरण माना जा सकता है, जिससे बीजेपी को मदद मिलेगी।
रविवार को अजमल की अध्यक्षता में एआईयूडीएफ़ की कोर कमेटी ने चुनावों से पहले ‘महागठबंधन’ बनाने और सीट-बँटवारे की व्यवस्था के साथ चुनाव लड़ने के कांग्रेस के प्रस्ताव को औपचारिक रूप से मंजूरी दे दी। कोर कमेटी की बैठक के तुरंत बाद अजमल ने गौहाटी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जीएमसीएच) का दौरा किया और कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से मुलाक़ात की, जो कोविड -19 स्वास्थ्य मुद्दों के साथ वहाँ भर्ती हैं। अजमल ने गोगोई से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा, ‘कांग्रेस के साथ हमारा गठबंधन निश्चित हो चुका है। जैसे ही गोगोई को अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी, हम सारी औपचारिकताएँ तय करने के लिए विस्तृत चर्चा करेंगे।’