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जाँच में सहयोग को तैयार असम के सीएम, निष्पक्ष जाँच की माँग

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सर्मा ने कहा है कि वे किसी भी तरह की जाँच में मिज़ोरम सरकार के साथ सहयोग करने को तैयार हैं।

लेकिन उन्होंने इसके साथ ही पूरे असम-मिज़ोरम विवाद और दोनों राज्यों के बीच हुई झड़पों की जाँच किसी स्वतंत्र व निष्पक्ष एजेंसी से कराने की माँग की है।

बता दें कि मिज़ोरम पुलिस ने बिस्व सर्मा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है। असम के मुख्यमंत्री ने उसके जवाब में ही शनिवार को कहा कि वे मिज़ोरम पुलिस के साथ सहयोग करने को तैयार हैं। 

असम- मिज़ोरम  सीमा विवाद  के बीच मिज़ोरम की पुलिस ने शुक्रवार रात हिमंत बिस्व सरमा और छह शीर्ष पुलिस अफ़सरों के ख़िलाफ़ जो एफ़आईआर दर्ज की, उसमें असम सरकार के 200 अज्ञात पुलिसकर्मियों का भी जिक्र है। 

एफ़आईआर में सरमा के अलावा आईजीपी अनुराग अग्रवाल, डीआईजी कछार देवज्योति मुखर्जी, डीसी कछार कीर्ति जल्ली, डीएफ़ओ कछार सनी देव चौधरी, एसपी कछार चंद्रकांत निंबालकर, ओसी धोलाई पुलिस स्टेशन साहब उद्दीन के नाम हैं। इनके ख़िलाफ़ लगाई गई धाराओं में धारा 307/120 भी शामिल है। 

यह एफ़आईआर मिज़ोरम के कोलासिब जिले के वैरेंगटे पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। मिज़ोरम का कोलासिब जिला असम के कछार जिले से लगता है। 
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इससे पहले शुक्रवार को असम पुलिस ने मिज़ोरम के कई नामचीन लोगों को समन जारी किया था। इसमें मिज़ोरम के सांसद के. वनललवेना का नाम भी शामिल है। असम पुलिस नोटिस देने सांसद के दिल्ली आवास पर पहुंची थी। के. वनललवेना के कथित भड़काऊ बयान को लेकर विवाद हो गया था। इस बयान में उन्होंने कथित रूप से असम पुलिस के लोगों को मार डालने की बात कही थी। 

देखिए, इस विषय पर बातचीत- 
26 जुलाई को इन दोनों राज्यों के दो सीमाई जिलों के लोगों के बीच हिंसा भड़क गई थी, जिसमें जमकर गोलियां चली थीं। इसके बाद दोनों ही राज्यों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मामले को सुलझाने की अपील की थी। हालात को देखते हुए सीआरपीएफ़ ने इस इलाक़े में तैनाती बढ़ा दी है। दोनों राज्यों की सीमा पर सीआरपीएफ़ के 500 जवान तैनात हैं। 

मिज़ोरम न जाएं लोग

असम सरकार ने शुक्रवार रात को एक एडवाइजरी जारी कर अपने राज्य के नागरिकों से कहा था कि वे लोग मिज़ोरम न जाएं क्योंकि उनकी जान को ख़तरा है। असम के गृह विभाग की ओर से जारी इस एडवाइजरी में कहा गया था कि असम के जो लोग कामकाज की वजह से वहां हैं, वे अतिरिक्त सावधानी बरतें। 

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मिज़ोरम की असम के साथ 123 किलोमीटर, त्रिपुरा के साथ 109 किलोमीटर और मणिपुर के साथ 95 किलोमीटर की सीमाएँ हैं। 1995 के बाद से मिज़ोरम और असम सरकारों के अधिकारियों के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं। मिज़ोरम के तीन ज़िले - कोलासिब, आइजोल और ममित - दक्षिणी असम के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज ज़िलों के साथ 123 किमी की सीमा साझा करते हैं।

मिज़ोरम और असम की सीमा पर दोनों राज्यों के लोगों के बीच अक़सर झड़प होती है और विवाद होता रहता है।

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क़मर वहीद नक़वी
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