असम सरकार ने मंगलवार को गोलाघाट जिले के उरियामघाट में रेंगमा रिजर्व फॉरेस्ट में अब तक का सबसे बड़ा बेदखली अभियान शुरू किया है। इसका मक़सद 11000 बीघा यानी क़रीब 3600 एकड़ से अधिक जंगल की जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराना बताया गया है। इस अभियान में 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल यानी सीआरपीएफ़ और वन विभाग के कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही 150 से अधिक बुलडोजर जैसी मशीनें लगाई गई हैं। इस अभियान से क़रीब 2000 परिवारों के विस्थापन की आशंका है, जिनमें अधिकांश बंगाली मूल के मुस्लिम परिवार हैं। तो क्या यह मुस्लिमों को निशाना बनाकर कार्रवाई की जा रही है? कम से कम विपक्षी दलों द्वारा आरोप तो यही लगाया जा रहा है।