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अयोध्या में भव्य आयोजन के बाद मैं अब मां कामाख्या के द्वार पर आया हूंः पीएम मोदी 

पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुवहाटी में मां कामाख्या मंदिर कॉरिडोर का शिलान्यास किया है। मां कामाख्या कॉरिडोर को भी अब महाकाल और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तरह ही विकसित किया जाएगा।
पीएम ने इस मौके पर कहा कि अयोध्या में भव्य आयोजन के बाद मैं अब यहां मां कामाख्या के द्वार पर आया हूं। आज मुझे यहां मां कामाख्या दिव्यलोक परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इस दिव्यलोक की जो कल्पना की गई है, मुझे उसके बारे में विस्तार से बताया गया है। जब ये बनकर पूरा होगा तो ये देश और दुनिया भर से आने वाले मां के भक्तों को असीम आनंद से भर देगा।
उन्होंने कहा कि हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारी आस्था के स्थान, ये सिर्फ दर्शन करने की स्थली ही नहीं हैं। ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की अमिट निशानियां हैं। भारत ने हर संकट का सामना करते हुए कैसे खुद को अटल रखा, ये उसकी साक्षी है। जब यह परियोजना पूरी होगी तो अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए आ सकेंगे। यह पूर्वोत्तर में पर्यटन का प्रवेश द्वार बन जाएगा। 

असम पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी गुवहाटी के वेटनरी कॉलेज मैदान में एक जनसभा को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कामाख्या कॉरिडोर के शिलान्यास के साथ ही 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। 
इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि ये सारी परियोजनाएं असम और नॉर्थईस्ट के साथ ही दक्षिण एशिया के दूसरे देशों के साथ इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेंगे। इसके अलावा, ये परियोजनाएं असम के पर्यटन क्षेत्र में नई नौकरियां पैदा करेंगी और खेल प्रतिभाओं के लिए नए अवसर भी प्रदान करेंगी। 
उन्होंने कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर 11 लाख करोड़ रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा है। पिछले 10 साल में हमने हर घर में बिजली पहुंचाने का अभियान चलाया। अब हम बिजली बिल शून्य करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 
बजट में सरकार ने बड़ी रूफटॉप सोलर योजना का ऐलान किया है। इस योजना के तहत शुरुआत में सरकार एक करोड़ परिवारों को छत पर सोलर पैनल लगाने में मदद करेगी। 
असम पहुंचे पीएम मोदी ने यहां मौजूद जनसमूह से कहा कि आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। ये जो भी काम आज हो रहे हैं, इनका एक ही लक्ष्य है। लक्ष्य है, भारत और भारतीयों का सुखी और समृद्ध जीवन। लक्ष्य है, भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का। लक्ष्य है, 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का। इसमें असम और नार्थ ईस्ट की बहुत बड़ी भूमिका है। 

उन्होंने कहा कि, छोटे लक्ष्य रखकर कोई भी देश, कोई भी राज्य तेज विकास नहीं कर सकता। पहले की सरकारें न बड़े लक्ष्य तय करती थी और न ही अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मेहनत करती थी। हमने पहले की सरकारों की इस सोच को भी बदल दिया है।

असम को लेकर उन्होंने कहा कि असम में भाजपा की सरकार से पहले केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि आज यहां 12 मेडिकल कॉलेज हैं। असम आज नॉर्थ ईस्ट में कैंसर के इलाज का बहुत बड़ा केंद्र बन रहा है। पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार ने यहां विकास पर होने वाले खर्च को 4 गुना बढ़ाया है।

2014 तक यहां सिर्फ 10,000 किमी नेशनल हाईवे  हुआ करते थे। पिछले 10 वर्षों में ही हमने 6,000 किमी के नए नेशनल हाइवे बनाए हैं। पहले पूरे पूर्वोत्तर में रेल यात्रा और हवाई यात्रा बहुत सीमित थी। सड़कें संकरी और ख़राब हालत में थीं जबकि अब काफी बेहतर स्थिति है। 
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विकास और विरासत को अपनी नीति का हिस्सा बनाया 

पीएम मोदी ने कहा कि, कोई भी देश अपने अतीत को मिटाकर, भुलाकर, कभी विकसित नहीं हो सकता। उन्होंने दावा करते हए कि, मुझे संतोष है कि बीते 10 वर्षों में अब भारत में स्थितियां बदल गई हैं। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने 'विकास और विरासत' को अपनी नीति का हिस्सा बनाया है।  

पिछले 10 वर्षों में, हमने विश्वविद्यालय और कॉलेज बनाए हैं। पहले बड़े संस्थान बड़े शहरों में ही बनाये जाते थे। हमने देश में आईआईटी, आईआईएम और एम्स का नेटवर्क फैलाया है। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या दोगुनी हो गई है। 

पीएम मोदी ने कहा कि, आज पूरा देश कह रहा है कि मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरा होने की गारंटी।मैंने गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों को मूल सुविधाएं देने की गारंटी दी है। आज इनमें से अधिकतर गारंटियां पूरी हो रही हैं। 

हमने विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी देखा है कि जो भी सरकारी योजनाओं से वंचित थे, उन तक मोदी की गारंटी वाली गाड़ी पहुंची है। पूरे देश में करीब 20 करोड़ लोग सीधे तौर पर विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल हुए हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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