राजस्थान में मुख्यमंत्री का नाम फ़ाइनल करने में कांग्रेस नेतृत्व को पसीने छूट रहे हैं। पहले माना जा रहा था कि कांग्रेस वरिष्ठता को देखते हुए अशोक गहलोत का नाम घोषित कर देगी लेकिन ऐसा लगता है कि सचिन पायलट अपना दावा छोड़ने को तैयार नहीं हैं। गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और पहले भी दो बार सीएम रह चुके हैं जबकि सचिन पायलट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के आवास पर राजस्थान में सीएम को लेकर काफ़ी देर तक बैठक चली थी। इसमें सोनिया गाँधी, उनकी बहन प्रियंका गाँधी भी शामिल हुईं। लेकिन कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। आज भी इस मामले में बैठकें होने की संभावना है। गहलोत और पायलट दोनों दिल्ली में बने हुए हैं।
गुरुवार को अशोक गहलोत और पायलट के समर्थकों ने अपने नेता के पक्ष में जमकर नारेबाज़ी की थी। बताया जाता है कि सचिन पायलट ने कांग्रेस आलाकमान से कहा है कि उन्हें सीएम नहीं बनाने से युवा नाराज़ हो सकते हैं।
मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नाम की घोषणा हो चुकी है। वे आज राज्यपाल से मिलेंगे। वे 17 दिसंबर को शपथ ले सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में भी सीएम पद पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बारे में आज फ़ैसला होने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ नेता और सांसद ताम्रध्वज साहू सीएम हो सकते हैं लेकिन उनके नाम पर भी कांग्रेस आलाकमान गुरुवार को सर्वसहमति नहीं बना सका। प्रदेश कांग्रेस में कई ऐसे नेता हैं जो सीएम बनने के योग्य हैं। कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, टी. एस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू और चरणदास महंत प्रमुख दावेदार हैं।