ऐसा कौन-सा वर्ग है जो येन-केन प्रकारेण अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मसजिद भूमि विवाद को जीवित रखना चाहता है? इस विवाद के लगातार बने रहने से किन्हें और किस तरह का लाभ हासिल होगा? कहीं धार्मिक भावनाओं और आस्था की आड़ में इस संवेदनशील मुद्दे को राजनीति का खेल तो नहीं बनाया जा रहा है? उच्चतम न्यायालय बार-बार साफ़ कर चुका है कि देश का संविधान ही सर्वोच्च है और यह संविधान से ही शासित होता है लेकिन इसके बावजूद न्यायालय की कतिपय व्यवस्थाओं से असहमति व्यक्त करते हुए शरिया क़ानून का हवाला दिया जाता है।