बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तिथि खत्म होने के बावजूद इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हो सकी है। कांग्रेस ने गुरुवार रात को अपनी पहली सूची जारी कर 48 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए, लेकिन गठबंधन के अन्य दलों ने अभी तक अपनी सूचियां सार्वजनिक नहीं की हैं। इस देरी का नतीजा यह हुआ है कि कम से कम सात विधानसभा सीटों पर गठबंधन के सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं। हालांकि 20 अक्टूबर सोमवार तक नाम वापसी का मौका है और हो सकता है कि महागठबंधन इस मतभेद को दूर कर ले। लेकिन शनिवार की स्थिति यही है कि 7 सीटों पर महागठबंधन के सारे दल एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।
इंडिया गठबंधन के नेता इसे 'मित्रवत् मुकाबला' बता रहे हैं, लेकिन सत्ताधारी दलों ने इसे गठबंधन के भीतर टकराव के रूप में पेश किया है। दिल्ली से पटना तक कई दौर की बैठकों के बावजूद सीट साझेदारी पर कोई सहमति नहीं बन सकी, जिसके चलते राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया एमएल  (CPI ML) ने नामांकन की अंतिम घड़ी तक टिकट बांटे।

प्रभावित सात सीटें और उम्मीदवार 

पहले चरण की इन सीटों पर गठबंधन के उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला हो गया है। विस्तार से देखें तो: 
  • वैशाली: आरजेडी के अजय कुमार कुशवाहा बनाम कांग्रेस के संजीव कुमार। 
  • तरापुर: आरजेडी के अरुण शाह बनाम वीआईपी के सकलदेव बिंद। 
  • बछवाड़ा: सीपीआई के अब्देश कुमार राय बनाम कांग्रेस के शिव प्रकाश गरीब दास। 
  • गौरा-बौरम: आरजेडी के अफजल अली खान बनाम वीआईपी के संतोष साहनी (वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी के छोटे भाई)। 
  • लालगंज: आरजेडी की शिवानी शुक्ला बनाम कांग्रेस के आदित्य कुमार राजा। 
  • राजापाकर: सीपीआई एमएल के मोहित पासवान बनाम कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी। 
  • रोसेरा: सीपीआई के लक्ष्मण पासवान बनाम कांग्रेस के ब्रज किशोर के रवि।
इन 'मित्रवत् लड़ाइयों' से गठबंधन की एकजुटता पर सवाल उठने लगे हैं। सत्ताधारी एनडीए इसे गठबंधन की कमजोरी के रूप में प्रचारित कर रहा है, जबकि विपक्षी नेता दावा कर रहे हैं कि यह अस्थायी है और अंतिम फैसला चुनाव के बाद होगा।

पारस महागठबंधन से अलग 

राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा, "...हमने महागठबंधन के साथ गठबंधन बनाने के लिए काफी प्रयास किए, लेकिन गठबंधन नहीं हो सका...हमने फैसला किया है कि हम अकेले चुनाव लड़ेंगे...मुझे उम्मीद है कि चुनाव के पहले चरण में हम अच्छी संख्या में सीटें जीतेंगे...।"

वीआईपी प्रमुख का चुनाव न लड़ने का ऐलान 

इस बीच, वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने शुक्रवार को घोषणा की कि वे आगामी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। वे दरभंगा के गौरा-बौरम सीट से मैदान में उतरने वाले थे, लेकिन उनके छोटे भाई संतोष साहनी ने नामांकन दाखिल कर लिया। साहनी ने कहा, "मैंने फैसला किया है कि इस विधानसभा चुनाव में मैं उम्मीदवार नहीं बनूंगा। मेरा पूरा ध्यान हमारी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने और बिहार भर में पार्टी को मजबूत करने पर होगा।"
जब उनसे राज्यसभा चुनाव की संभावना के बारे में पूछा गया, तो साहनी ने साफ कहा, "मुझे राज्यसभा जाने में कोई रुचि नहीं है। मैं बिहार का उपमुख्यमंत्री बनना चाहता हूं।" यह बयान गठबंधन के भीतर सत्ता के समीकरणों को दर्शाता है।

महागठबंधन की चुनौतियां 

इंडिया गठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वीआईपी, सीपीआई एमएल और अन्य दल शामिल हैं। गठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी नामांकन दाखिल किया है, लेकिन सीट बंटवारे पर चुप्पी बनी हुई है। हालांकि मई 2025 में पटना में आयोजित 'इंडिया एलायंस संवाद' कार्यक्रम में तेजस्वी यादव, बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू, सीपीआई-एमएल महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और मुकेश साहनी जैसे नेताओं ने भाग लिया था, और एकता का दम भरा था। लेकिन अब भी असहमति बरकरार है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) भी आरजेडी के कोटे से सीटों की पुष्टि का इंतजार कर रहा है। जेएमएम को एक सीट देने पर बात हो रही है।
कांग्रेस ने बिहार चुनाव के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची भी जारी की है, जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं। साथ ही, कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री और राज्य इकाइयों के अध्यक्ष भी सूची में हैं।

महत्वपूर्ण नामांकन 

पहले चरण के लिए अंतिम दिन कई बड़े नामों ने नामांकन दाखिल किए। इनमें मंत्री मंगल पांडेय (सीवान) और जीबेश मिश्रा (जाले), लोक गायिका मैथिली ठाकुर (अलीनगर) और भोजपुरी गायक खेसारी लाल यादव (छपरा) शामिल हैं। झारखंड के घटसीला उपचुनाव के लिए भाजपा के बाबूलाल सोरेन और जेएमएम के सोमेश चंद्र सोरेन ने भी नामांकन दाखिल किया।
ये घटनाक्रम बिहार चुनाव को और रोचक बना रहे हैं, जहां महागठबंधन और एनडीए में एकता सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।