जन सुराज समर्थक दुलारचंद की हत्या मामले में जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है।
बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में हुई जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में पटना पुलिस ने शनिवार-रविवार दरमियानी रात जेडीयू उम्मीदवार अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। अनंत सिंह मोकामा से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनको बाढ़ स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई गुरुवार को हुई हत्या के बाद से अनंत सिंह पर लगे आरोपों के आधार पर की गई है। उनको एफ़आईआर में नामजद किया गया है। एफआईआर में कहा गया है कि अनंत सिंह ने 75 वर्षीय बुजुर्ग पर गोली चलाई, उसके बाद अन्य लोगों ने थार से कुचला।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम ने अनंत सिंह के बाढ़ स्थित उनके घर पर छापा मारा और उन्हें हिरासत में लेकर पटना लाया गया, जहां पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने इस मामले में दो अन्य व्यक्तियों मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को भी गिरफ्तार किया है, जो घटना के समय मौके पर मौजूद थे। इन तीनों को जल्द ही मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा।
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
दुलारचंद यादव की हत्या गुरुवार को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान हुई। वे जन सुराज पार्टी के मोकामा उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी के लिए प्रचार कर रहे थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में फेफड़े फटने और कई पसलियां टूटने को मौत का कारण बताया गया है।
पटना एसएसपी कार्तिकेय शर्मा ने देर रात पटना जिलाधिकारी थ्यागराजन एसएम के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पुलिस ने दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में तीन व्यक्तियों अनंत सिंह, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम को गिरफ्तार किया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और प्रारंभिक जांच से यह हत्या का मामला लगता है।' एसएसपी ने आगे बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि दो प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद यादव का शव बरामद हुआ। दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज की गई थीं।
एफआईआर में अनंत सिंह का नाम
घटना से संबंधित तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं। यादव के पोते द्वारा दर्ज कराई गई एक एफआईआर में अनंत सिंह और चार अन्य लोगों के नाम शामिल हैं। दूसरी एफआईआर प्रतिद्वंद्वी पक्ष अनंद सिंह की ओर से द्वारा दर्ज की गई है, जबकि तीसरी पुलिस की अपनी जांच पर आधारित है। इससे पहले पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था।
जन सुराज पार्टी के मोकामा उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने एएनआई से बातचीत में कहा, 'यह एक अच्छा कदम है, लेकिन अगर पहले कार्रवाई की जाती तो बेहतर होता। आज वह 50 वाहनों के काफिले में घूम रहे थे और चुनाव प्रचार में हिस्सा ले रहे थे। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें तुरंत गिरफ्तार करना चाहिए था। लेकिन देर आए दुरुस्त आए। अब महत्वपूर्ण यह है कि पुलिस पूरे मामले की जांच कैसे करती है। यह उनके परिवार के लिए राहत की बात है।'
अनंत सिंह का दावा
अनंत सिंह पर बड़े काफिले में घूमने के लिए आचार संहिता उल्लंघन का भी मामला दर्ज किया गया है। सिंह ने हत्या को पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की साजिश बताया जो आरजेडी उम्मीदवार वीणा देवी के पति हैं। वीणा देवी मोकामा से चुनाव लड़ रही हैं। अनंत सिंह ने कहा, 'हम लोग वोट मांग रहे थे तभी दूसरे उम्मीदवार के समर्थकों ने नारे लगाने शुरू कर दिए। मैंने अपने समर्थकों को जवाब न देने को कहा और आगे बढ़ गया। सूरजभान के लोगों ने हमारे वाहनों पर हमला किया। दुलारचंद ने सबसे पहले हाथ उठाया। यह पूरा खेल सूरजभान सिंह का है।'
चुनाव आयोग की कार्रवाई
चुनाव आयोग ने जिला चुनाव अधिकारी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार आयोग ने पटना ग्रामीण पुलिस अधीक्षक विक्रम सिहाग के तबादले का आदेश दिया और उनके स्थान पर नए अधिकारी की तैनाती के लिए पैनल मांगा। बाढ़ के अनुमंडल अधिकारी, बाढ़-1 के अनुमंडल पुलिस अधिकारी और बाढ़-2 के अनुमंडल पुलिस अधिकारी के स्थान पर नए अधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया गया। तीनों अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं, साथ ही बाढ़-2 के अनुमंडल पुलिस अधिकारी अभिषेक सिंह को निलंबित करने का निर्देश जारी किया गया है।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। 6 नवंबर और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। मोकामा सीट पर यह घटना चुनावी माहौल को और गरमा रही है। यह गिरफ्तारी बिहार की राजनीति में बड़े उलटफेर का संकेत दे रही है, जहां अपराध और चुनावी हिंसा लंबे समय से मुद्दा रही है।