बिहार में लिंचिंग की एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। अतहर को बेरहमी से प्रताड़ित किया गया। यातनाओं के कारण उनकी मौत हो गई। पूरी घटना, पुलिस कार्रवाई और कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
अस्पताल में इलाज के दौरान अतहर की मौत। (फोटो साभार: x/@faizulhaque95)
बिहार के नवादा जिले में लिंचिंग यानी भीड़ हिंसा की दिल दहला देने वाली घटना घटी है। चोरी का आरोप लगाकर कपड़ा फेरी वाले मोहम्मद अतहर हुसैन को पीट-पीट कर मार डाला गया। हमलावरों ने पिलास से पीड़ित के कान और उंगलियां काटीं, गर्म लोहे की रॉड से दागे, हाथ-पैर तोड़े और निजी अंगों में अमानवीय यातनाएँ दीं। अस्पताल में भर्ती गिया गया, लेकिन शुक्रवार देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना ने राज्य में भीड़ हिंसा और सांप्रदायिक तनाव पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मोहम्मद अतहर हुसैन नालंदा जिले के गगन दिवान गांव के रहने वाले थे और साइकिल पर कपड़े बेचकर परिवार का पालन-पोषण करते थे। वे आंशिक रूप से अपने ससुराल बरुई गांव में भी रहते थे। घटना 5 दिसंबर की है, जब वे रोह थाना क्षेत्र के भट्टापार गाँव के पास से गुजर रहे थे। उनके भाई मोहम्मद शकीब आलम के अनुसार, साइकिल पंक्चर हो जाने पर अतहर ने पास के पंक्चर की दुकान के बारे में पूछा। वहां मौजूद लोगों ने उनका नाम और पेशा पूछा और जैसे ही उन्होंने अपना नाम मोहम्मद अतहर हुसैन बताया, हमला शुरू हो गया।
पीड़ित परिवारों का आरोप
पीड़ित के अस्पताल में दर्ज बयान और एक वीडियो में अतहर हुसैन ने बताया कि हमलावरों ने पहले उन्हें साइकिल से खींचा और 18000 रुपये लूट लिए। भीड़ 15-20 लोगों की हो गई। उन्होंने हाथ-पैर बांधकर एक कमरे में बंद किया और ईंटों, लाठी-रॉड से पीटा। वीडियो में वह आपबीती सुनाते हुए कहते हैं, 'उन्होंने पिलास से मेरे कान और उंगलियों के सिरे काट दिए, गर्म रॉड से शरीर दागा जिससे चमड़ी उखड़ गई। कपड़े उतरवाकर निजी अंगों पर पेट्रोल छिड़का, सीने पर चढ़कर कुचला, मुंह से खून निकल आया।' कुछ रिपोर्टों में यह भी उल्लेख है कि हमलावरों ने पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की और प्राइवेट पार्ट में करंट देने जैसी यातनाएं दीं। हालाँकि, आधिकारित तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
अतहर की पत्नी शबनम परवीन ने 6 दिसंबर को भट्टापार गांव के 10 नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। शिकायत में कहा गया कि पति को चोरी के झूठे आरोप में पकड़ा, बांधकर बेरहमी से पीटा, गर्म रॉड से दागा, हाथ तोड़ा, पिलास से कान काटा और अन्य तरीकों से प्रताड़ित किया गया।आरोप है कि जब भाइयों के साथ अतहर की पत्नी गांव पहुंचीं तो ग्रामीणों ने उन्हें भी धमकाया और गालियाँ दीं।
एफ़आईआर में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराएँ लगाई गईं, जिनमें अवैध सभा, दंगा, गंभीर चोट पहुँचाना, ख़तरनाक़ हथियारों का इस्तेमाल और बाद में मौत होने पर हत्या की धारा 303(2) जोड़ी गई।
आरोपियों ने दर्ज कराई शिकायत
दूसरी ओर, आरोपियों में से एक सिकंदर यादव ने क्रॉस शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अतहर पर रात क़रीब 10:15 बजे उनके घर में चोरी का आरोप लगाया गया। शिकायत में सोने की चूड़ियाँ, मंगलसूत्र, चांदी की कमरबंद और पीतल के बर्तन चोरी होने का दावा किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इमरजेंसी 112 कॉल पर सुबह करीब 2:30 बजे रोह पुलिस गाँव पहुँची और गंभीर रूप से घायल अतहर को बचाया। दोनों पक्षों को थाने ले जाया गया।
अतहर को पहले रोह पीएचसी, फिर नवादा सदर अस्पताल और फिर बेहतर अस्पताल में रेफर किया गया, जहां शुक्रवार देर रात उनकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम मजिस्ट्रेट और फोरेंसिक टीम की निगरानी में कराया गया।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नवादा एसपी अभिनव धीमान ने कहा कि सदर एसडीपीओ के नेतृत्व में विशेष टीम गठित की गई। 24 घंटे में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और 13 दिसंबर तक चार और। यानी कुल आठ लोगों को या तो गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया। बाकियों की तलाश जारी है।परिजनों ने आरोप लगाया कि हमला धर्म के आधार पर हुआ, क्योंकि नाम सुनते ही हमलावर उग्र हो गए। अतहर पिछले 20 साल से क्षेत्र में कपड़े बेच रहे थे और किसी से दुश्मनी नहीं थी। यह घटना नवादा जिले में 2025 में भीड़ हिंसा की बढ़ती घटनाओं का हिस्सा लगती है।
यह मामला कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाता है और समाज में फैल रही नफरत की खतरनाक मिसाल पेश करता है। पुलिस जाँच जारी है, लेकिन पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहा है।