Bihar Corrupt Ministers: बिहार के मंत्रियों अशोक चौधरी, मंगल पांडेय और भाजपा नेताओं जैसे दिलीप जायसवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप अब कई जेडीयू और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को अखर रहे हैं। एनडीए का शीर्ष नेतृत्व खामोश है। संकेत है कि जेडीयू-बीजेपी में खेमेबंदी शुरू हो गई है।
बिहार के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं। जिनमें से ये तीन प्रमुख हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो मंत्रियों अशोक चौधरी, मंगल पांडेय, एनडीए सरकार के एक पूर्व मंत्री दिलीप जायसवाल और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जहां विपक्ष एनडीए पर हमलावर है वहीं एनडीए के दो महत्वपूर्ण नेताओं की अंतरात्मा की आवाज सामने आई है।
नीतीश कैबिनेट के ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री और खुद को नीतीश कुमार का मानस पुत्र बताने वाले जेडीयू के अशोक चौधरी पर जन सुराज के प्रशांत किशोर ने 200 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति बनाने का आरोप लगा रखा है। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री भाजपा के मंगल पांडेय, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिलीप जायसवाल और पूर्व भाजपा अध्यक्ष व सांसद संजय जायसवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
एनडीए नेताओं के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वैसे तो ज्यादातर नेता खामोश हैं लेकिन जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार और
भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह अपनी अंतरात्मा की आवाज उठा रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक एनडीए के नेताओं के भ्रष्टाचार पर शीर्ष नेतृत्व की चुप्पी और कुछ नेताओं की अंतरात्मा की आवाज को जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी में खेमेबाजी से भी जोड़ रहे हैं। इस मुद्दे पर एनडीए के दो महत्वपूर्ण नेता लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी का कोई बयान सामने नहीं आया है।
खुद को नीतीश कुमार का करीबी बताने वाले अशोक चौधरी पर 200 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगने के बाद जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि नीतीश कुमार के पूरे कार्यकाल में “पहली बार हम अग्नि परीक्षा से गुजर रहे हैं। पहली बार हमारी पार्टी पर इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं। हमारी पार्टी पर अगर उंगली उठी है तो निश्चित तौर पर जिन पर आरोप है, उन आरोपों का बिंदुवार जवाब पार्टी को चाहिए।”
उन्होंने यह भी कहा कि जो नीतीश कुमार का करीबी रहेगा वह यह काम (भ्रष्टाचार) नहीं करेगा। नीरज कुमार ने अशोक चौधरी का नाम लिए बिना इस बात पर तंज किया कि वह खुद को नीतीश कुमार का मानस पुत्र कहते हैं। उन्होंने कहा कि जिन पर आरोप लगा है उन्हें (अशोक चौधरी को) मीडिया के सामने आना चाहिए और सारी बात को बताना चाहिए।
नीरज ने कहा कि अशोक चौधरी पर जो आरोप लगाए गए हैं उनका उन्हें बिंदुवार जवाब देना चाहिए। नीरज ने तेजस्वी यादव पर लगाए गए आरोपों का हवाला देते हुए यह भी याद दिलाया कि जब उन पर यह आरोप लगाए तब उनकी पार्टी ने तेजस्वी से ठीक यही मांग की थी। तेजस्वी उस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री थे। इसी मुद्दे पर नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी के साथ एक बार फिर सरकार बनाई थी।
नीरज कुमार पहले भी अशोक चौधरी पर राजनीतिक बयान देते रहे हैं लेकिन जब उनसे यह सवाल पूछा गया कि क्या अशोक चौधरी इस्तीफा देंगे तो उन्होंने कहा कि वह यह नहीं जानते।
राजनीतिक विश्लेषक अशोक चौधरी पर लगे आरोप को इसलिए भी गंभीर मान रहे हैं क्योंकि इस मामले में किशोर कुणाल जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्ति द्वारा स्थापित ट्रस्ट का नाम भी शामिल बताया जाता है। ध्यान रहे कि किशोर कुणाल के बेटे से अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी की शादी हुई है जो चिराग पासवान की पार्टी से समस्तीपुर की लोकसभा सदस्य हैं। दिवंगत किशोर कुणाल बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के प्रमुख रहे हैं और पटना के प्रसिद्ध महावीर मंदिर की आमदनी से कई परोपकारी कार्य कराने के लिए जाने जाते हैं। अशोक चौधरी और उनकी बेटी शांभवी चौधरी दोनों ने इन आरोपों को गलत बताया है लेकिन बिंदुवार जवाब नहीं दिया है।
प्रशांत किशोर भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री दिलीप जायसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के बीच पैसों के अवैध लेन-देन का आरोप भी लगा चुके हैं। अपने ताजा आरोप में उन्होंने मंगल पांडेय की पत्नी उर्मिला पांडेय के बैंक खाते में साल 2019 और 2020 में दो करोड़ 12 लाख रुपया जमा होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इसका कोई प्रमाण नहीं है कि यह रुपये कहां से आये? पीके ने पूछा कि जब मंगल पांडेय ने कहा था कि उन्होंने दिल्ली में फ्लैट खरीदने के लिए अपने पिताजी से 25 लाख का कर्ज लिया था तो उनकी पत्नी के खाते में यह रकम कैसे आ गई? उन्होंने यह भी कहा कि मंगल पांडेय अगर इसका जवाब नहीं देते हैं तो “हम बतायेंगे कि किस किस अकाउंट से यह रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।”
भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर प्रशांत किशोर अल्पसंख्यक सिख समुदाय के एक मेडिकल कॉलेज पर कब्जा जमाने का आरोप भी लगा चुके हैं। उनका आरोप है कि दिलीप जायसवाल ने मंगल पांडेय को घूस देकर अपने कॉलेज की मान्यता दिलवाई है हालांकि मंगल पांडे का कहना है कि कॉलेज को मान्यता उनके विभाग द्वारा नहीं दी जाती।
प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के भाजपा सांसद संजय जायसवाल पर भी उनके पेट्रोल पम्प के माध्यम से सरकारी धन की लूट का संगीन आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम की सफाई की गाड़ियों को पांच करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था, जिसमें ज्यादातर भुगतानों को फर्जी और बढ़ाकर लिया जाने वाला बताया।
भ्रष्टाचार के आरोपी के अलावा प्रशांत किशोर भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर नाम बदलने का विशेषज्ञ बताते हैं और उनसे यह पूछ रहे हैं कि वह बताएं कि उन्होंने मैट्रिक कब पास किया। वह पूछते हैं कि क्या सम्राट चौधरी ने बिना मैट्रिक पास किया डिलीट की डिग्री ले ली है। पीके यह भी कह चुके हैं कि सम्राट चौधरी पर 1998 में कांग्रेस नेता सदानंद सिंह की बम मारकर हत्या करने का आरोप लगा लेकिन उन्हें नाबालिग बताकर छह महीने में जेल से निकाला गया।
बिहार में सवाल पूछा जा रहा है कि भाजपा नेता और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मैट्रिक कब पास किया। सीएम नीतीश के साथ सम्राट। फाइल फोटो
भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने अपनी पार्टी के नेताओं और मंत्रियों पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि जिन पर भी आरोप लगे हैं उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं करने से पार्टी की छवि धूमिल हो रही है। उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की डिग्री पर सवाल उठने के बारे में उन्होंने कहा कि उनके पास जो डिग्री है उन्हें दिखा देना चाहिए। इसी तरह नाम बदलने के मामले में भी उन्होंने स्थिति साफ करने के लिए कहा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर लगे आरोप के बारे में उनका कहना था कि उन्हें यह बताना चाहिए की मेडिकल कॉलेज हड़पने के उन पर लगे आरोप सही है या नहीं। आरके सिंह यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि अगर आरोप गलत हैं तो उन्हें मानहानि का मुकदमा करना चाहिए।
आरके सिंह ने जदयू के एमएलसी राधाचरण सेठ के बारे में भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हुए कहा कि उनके बारे में यह मशहूर है कि वह ड्रग माफिया हैं। आरके सिंह नीरज कुमार की इस बात से सहमति जताते हैं कि जिन लोगों पर आरोप लगे हैं उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए। उनका कहना है कि इन आरोपों से पार्टी का ग्राफ नीचे गिर रहा है।
यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर के आरोपों और भाजपा व जदयू के इन दो नेताओं द्वारा उठाए गए सवालों पर एनडीए के शीर्ष नेता कब तक चुप्पी बनाए रखेंगे। बिहार में हर आदमी यह मानता है कि भ्रष्टाचार का मामला बहुत बढ़ गया है लेकिन पहली बार मंत्रियों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर इस तरह सीधे आरोप लगे हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि चूंकि प्रशांत किशोर ने इसे एक गंभीर मुद्दा बनाया है, इसलिए हो सकता है कि इस बार एनडीए को चुनाव में इसका नुकसान उठाना पड़े।