बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की पहचान जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के गठबंधन के रूप में रही है। इस बार इस गठबंधन के अंदर दो उपगठबंधन देखे जा सकते हैं या कहिए कि ये उपगठबंधन इस बार ज़्यादा साफ दिख रहे हैं। एक जो बीजेपी से बात कर रहा है और दूसरा जो जेडीयू के नाम पर चल रहा है।
बिहार चुनाव: एनडीए को जीत मिली तो नीतीश को मुख्यमंत्री बनने देगी बीजेपी?
- बिहार
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- 29 Sep, 2020

बिहार में आम समझ यह बन रही है कि बीजेपी का एक वर्ग नीतीश कुमार को धीरे से कुर्सी से अलग करने में जुटा है और वक्त आने पर वह ऐसा कर देगा। यह काम वोटिंग से पहले तो संभव नहीं लेकिन चुनाव परिणाम के बाद अगर जेडीयू की सीटें कम हुईं तो इस वर्ग के लिए हालात तेजी से बदलना मुश्किल नहीं होगा। उस स्थिति में बीजेपी को मुख्यमंत्री पद पर दावा करने में शायद ही संकोच हो।
चुनाव का परिणाम आने तक तो शायद इन दो उपगठबंधनों में बात बनती रहे लेकिन इसका असली रंग 10 नवंबर के बाद देखने को मिल सकता है जब बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम आएंगे।
चिराग पासवान और मांझी
इस बात को समझने के लिए एनडीए के पुराने घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष चिराग पासवान की बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के विषय यानी सीट शेयरिंग को ध्यान में रखना होगा। इसी तरह एनडीए में री-एंट्री करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का बार-बार यह कहना कि उनका समझौता जेडीयू से हुआ है, गठबंधन में उपगठबंधन की कहानी को समझने में मदद करता है।