बुधवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने देश में जातीय जनगणना कराने की घोषणा की तो राजद नेता तेजस्वी यादव पटाखे फोड़ रहे थे। यह एक छोटा लेकिन महत्वपूर्ण संकेत था कि तेजस्वी यादव और उनके सहयोगी दल मोदी सरकार के जनगणना कराने के फ़ैसले को कितने उत्साह से ले रहे हैं।

उनकी ओर से यह याद दिलाया जा रहा है कि कैसे प्रधानमंत्री मोदी ने जातीय जनगणना का विरोध किया था और भारत में केवल चार जातियाँ होने का दावा किया था। उनकी पूरी कोशिश यह संदेश देने की है कि उन्होंने सरकार को ‘झुकाया’ है और दबे कुचले लोगों की आवाज़ उठाई है। इस घोषणा का एक नकारात्मक असर यह पड़ा है कि भारतीय जनता पार्टी के जो सवर्ण वर्ग के समर्थक हैं उनमें मायूसी है और कई लोग कहते हैं कि शायद चुनाव में भी यह मायूसी झलके। सोशल मीडिया पर इस फ़ैसले को लेकर सवर्ण वर्ग को भारी असमंजस में देखा जा रहा है।