loader

बिहार: होली के दौरान नकली शराब पीने से कई लोग मरे, शराबबंदी फेल?

बिहार में एक बार फिर नकली शराब का कहर देखने को मिला है। बिहार के कई जिलों में होली के दौरान नकली शराब पीने से 13 लोगों की मौत की खबर आई है। लेकिन स्थानीय समाचार पत्रों के मुताबिक संदिग्ध हालात में मरने वालों की संख्या 32 है। 

इनमें भागलपुर में 16, बांका में 12 मधेपुरा में तीन और एक शख्स की नालंदा में मौत हुई है। भागलपुर और बांका में एक-एक शख्स की आंखों की रोशनी चली गई है जबकि 20 लोग गंभीर रूप से घायल हैं और उनका इलाज चल रहा है।

परिजनों की मौत से गुस्साए लोगों ने कई जगहों पर चक्का जाम किया है।

ताज़ा ख़बरें
हालांकि पुलिस का कहना है कि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है इन लोगों की मौत नकली शराब पीने से ही हुई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में पुलिस हालात को साफ कर सकेगी।
बता दें कि बिहार में शराब पूरी तरह प्रतिबंधित है लेकिन वहां से लगातार नकली शराब पीने से लोगों की मौत की खबरें आती रही हैं।

भागलपुर के साहेबगंज में 4 लोगों की मौत हुई है। मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाने के एसएचओ ने कहा कि यहां पर मरे लोगों का उनके परिजनों ने पुलिस के आने से पहले ही अंतिम संस्कार कर दिया।

पुलिस ने बनाया दबाव

द हिंदू के मुताबिक़, साहेबगंज में एक पीड़ित परिवार के परिजनों का कहना है कि मारे गए शख्स ने कुछ अन्य लोगों के साथ होली की शाम को शराब पी थी और इसके बाद उसकी आंखों की रोशनी चली गई और उल्टियां हुई। थोड़ी देर बाद उसकी मौत हो गई। उन्होंने शिकायत की कि स्थानीय पुलिस ने उन पर दबाव बनाया कि वह यह कहें कि यह मौत किसी बीमारी की वजह से हुई है।

इससे पहले बिहार के गोपालगंज, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर और रोहतास जिलों में नकली शराब पीने से मौत हो चुकी है। यह मौतें तब हुई हैं जब बिहार में होली से पहले पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया था जिससे अवैध या नकली शराब की सप्लाई ना हो।

बिहार से और खबरें

शराबबंदी फेल?

बिहार में शराबबंदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा कदम रहा है और इसे लेकर उन्हें काफी जन समर्थन भी मिला है। लेकिन बीते कुछ महीनों में जिस तरह लगातार मौतें नकली शराब से हुई हैं उससे साफ पता चलता है कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल हो चुकी है। बीते साल नवंबर में बिहार विधान सभा परिसर में शराब की खाली बोतलें मिली थी और इसे लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर सवाल उठाया था।

बिहार में यह चर्चा आम है कि वहां पर आसानी से शराब मिल जाती है। भ्रष्ट अफ़सरों और पुलिस का एक बड़ा तंत्र है, जो इस काम में लगा हुआ है। 

शराबबंदी वाले बिहार में यह सब कैसे हो रहा है, इसका जवाब नीतीश सरकार को ज़रूर देना चाहिए। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें