मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भले ही यह दावा करते हों कि बिहार में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत अच्छी है, लेकिन कुछ घटनायें हमेशा उनके इस दावे पर सवाल उठाते रहते हैं। ताज़ा घटना सीमांचल के अररिया ज़िले की है। अक्लियत समाज की बेहद ग़रीब बच्ची के साथ गैंगरेप हुआ, थाने में शिकायत भी दर्ज हुई, लेकिन जब यह मामला ज़िला अदालत में पहुँचा तब उस पीड़ित बच्ची का सामना न्यायिक व्यवस्था की अड़चनों से हुआ। वहाँ और दुर्भाग्य उसका इंतज़ार कर रहा था। ज़िला अदालत में बयान दर्ज कराने के बाद पीड़िता समेत दो अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को न्यायालय की अवमानना के आरोप में जेल भेज दिया गया।

गैंग रेप पीड़िता कोर्ट में बयान दर्ज कराने गई थी, लेकिन ज़िला अदालत में बयान दर्ज कराने के बाद पीड़िता समेत दो अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं को न्यायालय की अवमानना के आरोप में जेल भेज दिया गया।
इस मामले में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुष्कर कुमार का कहना है, 'माननीय न्यायालय ने ही मामला दर्ज कराया है और उसी के आदेश के तहत यह कार्रवाई की गयी है। दुष्कर्म के मामले में एक अभियुक्त को जेल भेज दिया गया है। दूसरों पर पुलिस की अनुसंधान प्रक्रिया जारी है'।