बिहार के मोकामा में ये कैसा चुनाव हो रहा है! केंद्रीय मंत्री ललन सिंह खुलेआम कह रहे हैं कि वोटिंग के दिन घर से निकलने नहीं देना और ज़्यादा हाथ-पैर जोड़े तो अपने साथ ले जा कर वोट गिरवा देना। वह हत्या के आरोप में गिरफ़्तार अनंत सिंह के लिए प्रचार कर रहे थे। वह कुछ दिन पहले चुनाव प्रचार के दौरान हुई दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह का बचाव भी कर रहे हैं। उनके इस बयान को आरजेडी ने कहा है कि ललन सिंह चुनाव आयोग की छाती पर बुलडोजर चढ़ा रहे हैं। इस बयान पर बवाल होने के बाद अब ईसीआई ने केंद्रीय मंत्री को नोटिस दिया है। बाद में जिला प्रशासन पटना ने ललन सिंह के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज करने की जानकारी दी है।

दरअसल, मोकामा के तनावपूर्ण चुनावी रंगमंच पर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता ललन सिंह ने ऐसा बयान दिया है, जो न सिर्फ चुनाव आयोग की नींद उड़ा रहा है, बल्कि पूरे बिहार की राजनीतिक नैतिकता पर सवालिया निशान लगा रहा है। आरजेडी ने इसे 'गरीबों को कैद करने की साजिश' बताते हुए कहा कि 'मरा हुआ आयोग' कहाँ है।
दरअसल, मोकामा में जेडीयू नेता अनंत सिंह के जेल में होने के बाद ललन सिंह प्रचार करते हुए अनंत सिंह का खुलकर समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने मोकामा में रोड शो के दौरान कहा था कि “वोटिंग के दिन कुछ नेताओं को घर में पैक कर देना है, अगर ज़्यादा हाथ-पैर जोड़े तो साथ ले जाकर वोट गिरवा देना।” ललन सिंह के इसी बयान पर बवाल हो गया। 

कांग्रेस ने किया हमला

ललन सिंह के बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया देते हुए एक्स हैंडल पर लिखा कि मोदी सरकार के मंत्री ललन सिंह का कहना है कि जो लोग बीजेपी-जेडीयू के खिलाफ वोट करने वाले हैं, चुनाव के दिन उन्हें घर से निकलने मत दो। कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या 'निष्पक्ष' चुनाव आयोग इसपर कोई कार्रवाई करेगा? या हर बार की तरह बीजेपी-जेडीयू के नेताओं को पुचकारता रहेगा?
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जिला प्रशासन पटना ने कहा है कि वीडियो निगरानी टीम द्वारा वीडियो फुटेज की जांच के बाद ललन सिंह के ख़िलाफ़ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता एवं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई है।

चुनाव आयोग का नोटिस

मोकामा में दिए गए बयान की वजह से ललन सिंह की मुसीबतें बढ़ती नज़र आ रही हैं। भारी दबाव पड़ने के बाद अब चुनाव आयोग ने ललन सिंह को नोटिस भेजकर उनके उस बयान पर जवाब मांगा है जिसमें ललन सिंह कह रहे हैं कि वोटिंग के दिन कुछ नेताओं को बाहर नहीं निकलने देना है। चुनाव आयोग ने ललन सिंह को अपना जवाब दर्ज करवाने के लिए 24 घंटे का समय दिया है।

हत्या के मामले में अनंत सिंह का बचाव किया

इसी के साथ ललन सिंह का अनंत सिंह को खुलकर समर्थन करना भी ललन सिंह के लिए मुसीबतें खड़ी कर रहा है। मोकामा में सोमवार को चुनाव प्रचार करते हुए उन्होंने कहा, “अनंत सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब हर व्यक्ति को ‘अनंत सिंह’ बनकर चुनाव लड़ना चाहिए। जब अनंत बाबू बाहर थे, तब मेरी जिम्मेदारी कम थी लेकिन अब जब वह जेल में हैं तो मेरी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज से मैंने मोकामा की कमान अपने हाथ में ले ली है। मैं स्पष्ट कहना चाहता हूं कि अनंत सिंह की गिरफ्तारी के पीछे साजिश है। पुलिस जांच कर रही है, सच्चाई बहुत जल्द सामने आएगी और यह भी पता चलेगा कि साजिशकर्ता कौन हैं।’ 
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आचार संहिता का उल्लंघन

इस बीच, पुलिस ने सोमवार को चुनाव आचार संहिता उल्लंघन के मामले में एक एफ़आईआर दर्ज की है। अधिकारियों के अनुसार, चुनावी रैली में अनुमति से अधिक वाहन शामिल थे। इसलिए रैली के आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हालाँकि अब तक ये साफ़ नहीं किया गया है कि एफ़आईआर में किन लोगों के नाम शामिल हैं।

बहरहाल, अब यह सब ललन सिंह पर निर्भर है कि इस नोटिस पर वह क्या जवाब देते हैं और क्या चुनाव आयोग इस मामले में आगे कोई कदम उठाएगा या ये मामला महज़ एक नोटिस में सिमटकर रह जाएगा।