बिहार में इंसेफ़ेलाइटिस से 145 से ज़्यादा बच्चों की मौत से कई सवाल खड़े हो गए हैं। यह सवाल उठना लाज़िमी है कि गरीब घरों के कुपोषण ग्रस्त बच्चों की मौत अधिक क्यों हुई है। मरने वालों में दलित घरों के बच्चे ही अधिक क्यों है। यह बिहार सरकार और पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को तो कटघरे में खड़ा करता ही है, उस व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करता है जिसमें ग़रीब और ग़रीब होते हैं, साथ ही ग़रीबों को राज्य या राजनीति से कोई ख़ास सहारा नहीं मिलता है।