मुंगेर में गुरूवार को फिर बवाल हो गया। एसपी दफ़्तर पर कई लोगों ने हमला बोल दिया और कुछ गाड़ियों में आग लगा दी। 26 अक्टूबर को मुंगेर में मूर्ति विसर्जन के दौरान फ़ायरिंग हुई थी और पुलिस ने दुर्गा पंडाल बनाने वाले लोगों पर लाठीचार्ज किया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसके बाद हिंसा भड़की थी और इसमें दो लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर राज्य की राजनीति बेहद गर्म थी और दबाव में आए चुनाव आयोग को गुरूवार को कार्रवाई करनी पड़ी।
आयोग ने डीएम राजेश मीणा और एसपी लिपि सिंह को हटा दिया। आयोग ने मगध के डिवीजनल कमिश्नर से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है।
कांग्रेस ने कहा है कि इस घटना के लिए नीतीश सरकार से ज़्यादा जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बनती है। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है, ‘दुर्गा के भक्तों को पीटने के लिए जिम्मेदार कौन है। मुंगेर के 8 लोगों पर गोली चलाने का जिम्मेदार कौन है। मुंगेर हिंसा में बीजेपी-जेडीयू सरकार के जंगलराज का जिम्मेदार कौन है।’ सुरजेवाला ने कहा है कि एसपी और डीएम को हटाना सिर्फ़ लीपापोती है।
आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव ने क़ानून व्यवस्था का मुद्दा उठाते हुए मुंगेर में दुर्गा विसर्जन के दौरान हुए लाठीचार्ज को लेकर पुलिस की तुलना जनरल डायर से की थी। लिपि सिंह बिहार जेडीयू के बड़े नेता आरसीपी सिंह की बेटी हैं।
तेजस्वी ने कहा था कि इसमें डबल इंजन सरकार की भूमिका रही है और पुलिस को जनरल डायर बनने की अनुमति किसने दी। तेजस्वी ने इस वारदात की उच्चस्तरीय जांच हाई कोर्ट की निगरानी में कराने और दोषियों को सख़्त सज़ा देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, 'खासतौर पर वहां के जो डीएम और एसपी हैं, उनको तुरंत वहां से हटाना चाहिए। आपको पता होगा कि वहां पुलिस महकमे की ज़िम्मेदार अफ़सर जेडीयू नेता की बेटी हैं। मैं नाम नहीं लेना चाहता हूं। लेकिन ये 'जनरल डायर' बनने का आदेश कहीं न कहीं से ज़रूर गया है।
पुलिस का कहना है कि सोमवार की शाम मुंगेर के दीनदयाल उपाध्याय चौक पर दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान असामाजिक तत्वों ने पथराव किया, उसके बाद पुलिस ने गोलियां चलाईं।