बीते 25 साल में बिहार में यह पहला चुनाव है जब नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके चुनाव नहीं लड़ा गया। इस दौरान 2015 को छोड़कर जब नीतीश महागठबंधन का चेहरा थे, हर बार नीतीश कुमार एनडीए की ओर से सीएम का चेहरा बनकर पेश किए जाते रहे। यह पहला चुनाव है जब जनता से पहले स्वयं एनडीए ही ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री का चेहरा के तौर पर नकार दिया जबकि नीतीश को नेतृत्व से हटाया नहीं जा सका। ऐसे में मतदाताओं का व्यवहार क्या रहने वाला है? क्या वे यह जानकर भी कि अब नीतीश कुमार मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे, एनडीए के लिए वोट करेंगे- यह बड़ा सवाल है और मतदान से ठीक पहले इसकी समीक्षा की आवश्यकता दिखती है।