एक दिन पहले ही विजय कुमार सिन्हा ने कहा था कि बिहार में जब अपनी सरकार बनेगी तो अटल बिहारी वाजपेयी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी और अब लालू यादव के क़रीबी ने कह दिया है कि 'राजनीति में कुछ भी संभव है, नीतीश आएंगे तो स्वागत करेंगे'। इधर, अमित शाह और जेपी नड्डा द्वारा बुलाई गई एनडीए नेताओं की बैठक में बुधवार को नीतीश शामिल नहीं हुए थे। नीतीश कुमार और तेजस्वी की मुलाक़ात की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। मोदी सरकार ने बिहार में केरल के राज्यपाल रहे आरिफ मोहम्मद खान को राज्यपाल बना दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि नीतीश कुमार को निपटाने का जाल बिछ चुका है। तो क्या सच में बीजेपी और जेडीयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है?