पिछले कई महीनों से इस तरह की आशंका बिहार में थी कि बीजेपी कोई सियासी तिकड़म लगाकर राज्य में सरकार बना सकती है। इसे देखते हुए जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार ने आरजेडी के साथ नज़दीकियां बढ़ाना शुरू कर दिया था।

चाहे इफ्तार पार्टी का मामला हो या फिर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार से आकर अकेले में मुलाकात करना या फिर नीतीश कुमार का केंद्र सरकार के कार्यक्रमों से दूरी बनाना, इससे साफ पता चल रहा था कि नीतीश अब जल्द ही बीजेपी का साथ छोड़ने वाले हैं। अंत में नीतीश ने गठबंधन तोड़ ही दिया।