बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण की तैयारी के बीच महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने रविवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने इंडिया गठबंधन के सत्ता में आने पर पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों के लिए दोगुना भत्ता, पेंशन योजना और 50 लाख रुपये का बीमा कवर देने का वादा किया। इसके अलावा, सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के वितरकों के लिए प्रति क्विंटल मार्जिन मनी में भारी वृद्धि और नाई, कुम्हार, लोहार जैसे पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को 5 लाख रुपये के ब्याज-मुक्त ऋण का भी प्रावधान होगा। 

पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी यादव के साथ विकसशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के प्रमुख और महागठबंधन के उप-मुख्यमंत्री पद के दावेदार मुकेश सहनी भी मौजूद थे। तेजस्वी ने कहा, 'हम कुछ घोषणाएं करना चाहते हैं। इंडिया गठबंधन अगर सत्ता में आया तो बिहार के पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों का भत्ता दोगुना कर दिया जाएगा। पेंशन योजना और 50 लाख रुपये का बीमा कवर पंचायती राज व्यवस्था के प्रतिनिधियों को दिया जाएगा।' यह वादा पंचायत मुखियाओं, सरपंचों, पंचायत समिति सदस्यों और ग्राम कचहरी प्रतिनिधियों के लिए है, जो लंबे समय से वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक लाभों की मांग कर रहे थे।
तेजस्वी ने पंचायती राज को बिहार की ग्रामीण शासन व्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि ये प्रतिनिधि गांवों के विकास के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन उन्हें पर्याप्त आर्थिक सहायता नहीं मिलती। वर्तमान में पंचायत प्रतिनिधियों को सीमित भत्ता मिलता है, जिसे दोगुना करने से उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। पेंशन योजना से सेवानिवृत्ति के बाद उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, जबकि 50 लाख का बीमा कवर दुर्घटना या स्वास्थ्य संबंधी आपात स्थितियों में सहारा बनेगा।

पारंपरिक कारीगरों के लिए विशेष प्रावधान

प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अन्य कई अहम वादे भी किए। उन्होंने कहा, 'इंडिया गठबंधन सत्ता में आया तो राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के वितरकों के प्रति क्विंटल मार्जिन मनी में अच्छी खासी वृद्धि की जाएगी।' पीडीएस वितरक राशन वितरण की कड़ी हैं, और उनका मार्जिन बढ़ाने से उनकी आय में सुधार होगा, जो गरीबों तक सब्सिडी वाले अनाज पहुंचाने में सहायक सिद्ध होगा।

तेजस्वी ने नाई, कुम्हार, लोहार और बढ़ई जैसे पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों के लिए 5 लाख रुपये के ब्याज-मुक्त ऋण की घोषणा की।तेजस्वी का मानना है कि इससे इन समुदायों को वित्तीय स्वावलंबन मिलेगा और वे अपनी आजीविका को मजबूत कर सकेंगे।

'एनडीए को 20 साल दिया, हमें 20 माह दीजिए'

तेजस्वी यादव ने बिहार के लोगों से सत्ता में 20 महीने का समय मांगा। उन्होंने कहा, 'तेजस्वी ने कभी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ा है। तेजस्वी से किसी को कोई शिकायत नहीं। तेजस्वी आपसे एक मौक़ा माँग रहा है। आपने एनडीए को 20 साल दिए हमें बस 20 महीना दीजिए। मिलकर नया बिहार बनायेंगे और बिहारियों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाएंगे।'

उन्होंने आगे कहा, 'बिहार बदलाव के लिए बेसब्र है। यह नया बिहार बनाने का चुनाव है। जैसे एक जगह खड़ा पानी सड़ जाता है। 20 बरस तक एक ही खेत में एक ही बीज बोने से खेत और फसल दोनों ख़राब हो जाते हैं। वैसे ही दो दशक की इस सरकार ने बिहार की दो पीढ़ियों को बर्बाद कर दिया है।'

जीविका दीदियों को स्थायी नौकरी

तेजस्वी ने अपनी पिछली घोषणाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि राज्य में संविदा पर कार्यरत 'जीविका दीदियों' को स्थायी कर दिया जाएगा। इन महिलाओं को प्रतिमाह 30 हज़ार रुपये का वेतन, अतिरिक्त 2000 रुपये का भत्ता और 5 लाख रुपये का बीमा कवर दिया जाएगा। जीविका योजना बिहार की महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रमुख कार्यक्रम है, जिसमें लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से जुड़ी हुई हैं। इस वादे से विपक्ष महिलाओं के वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

एनडीए पर हमला

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तेजस्वी ने मौजूदा एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, 'एनडीए सरकार दृष्टिहीन और भ्रष्ट है। बिहार के धन को गुजरात भेजा जा रहा है।' उन्होंने बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और विकास की कमी पर जोर देते हुए कहा कि विपक्ष सत्ता में आते ही हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का कानून 20 दिनों में पारित करेगा और भर्तियाँ 20 महीनों में पूरी होंगी। इसके अलावा, जलभराव की समस्या को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए उचित जल निकासी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी।

दो चरणों में वोटिंग, 14 नवंबर को नतीजे

यह घोषणा बिहार विधानसभा के 243 सदस्यों के चुनाव के ठीक पहले आई है। मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि नतीजे 14 नवंबर को घोषित होंगे। एनडीए गठबंधन में जनता दल यूनाइटेड, भारतीय जनता पार्टी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं, जबकि महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, वाम दल और वीआईपी प्रमुख हैं।

तेजस्वी यादव को महागठबंधन का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया गया है, जबकि मुकेश सहनी को उप-मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया। आरजेडी ने जाति जनगणना, सामाजिक न्याय और महिलाओं के सशक्तिकरण को प्रमुख मुद्दा बनाया है, जबकि एनडीए विकास और सुशासन पर जोर दे रहा है।

तेजस्वी के ये वादे ग्रामीण बिहार को टार्गेट करते हुए दिखते हैं, जहां पंचायती राज व्यवस्था और छोटे कारीगरों की बड़ी आबादी है। माना जा रहा है कि यह कदम विपक्ष को पिछड़े वर्गों और महिलाओं के वोटों को एकजुट करने में मदद करेगा। चुनावी तापमान तेज हो रहा है, और ये घोषणाएं 14 नवंबर के नतीजों को प्रभावित करने वाली साबित हो सकती हैं।