SIR: तेजस्वी का ECI पर धांधली का आरोप, 65 लाख नाम हटाने पर 10 बड़े सवाल
बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के बारे में व्यापक शिकायतों के बीच नेता प्रतिपक्ष, तेजस्वी यादव के ईपिक (वोटर कार्ड) का मामला चुनाव आयोग के लिए गंभीर सवाल बन चुका है।
एक तरफ तेजस्वी यादव यह सवाल कर रहे हैं कि चुनाव आयोग ने उनका ईपिक नंबर क्यों बदल दिया तो दूसरी और चुनाव आयोग ने उनसे उनका वह ईपिक मांगा है जिसके बारे में चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसा लगता है कि वह आधिकारिक रूप से जारी नहीं किया गया है। इस मुद्दे को लेकर एनडीए के नेता तेजस्वी यादव पर हमलावर हैं और उन पर केस करने की मांग कर रहे हैं।
इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब तेजस्वी यादव ने अपने ईपिक नंबर को चुनाव आयोग के ट्रैकर पर डालकर दिखाया कि उनका नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में नहीं है। तेजस्वी ने इस पर यह भी सवाल किया था कि जब उनका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो वह चुनाव कैसे लड़ पाएंगे। इसके तुरंत बाद पटना जिला प्रशासन की ओर से यह सबूत पेश किया गया कि तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में है। दिलचस्प बात यह है कि तेजस्वी यादव के नाम के आगे जो ईपिक नंबर था वह उससे अलग था जिसे ट्रैकर पर डालकर तेजस्वी ने अपने नाम के बारे में जानकारी ली थी।
चुनाव आयोग ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को रविवार को जारी नोटिस में उनसे उस ईपिक को जांच के लिए सौंपने को कहा है, जिसके बारे में उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपना नाम न होने की शिकायत की थी। आयोग का दावा है कि यह आधिकारिक रूप से जारी हुआ नहीं लगता है।
तेजस्वी को यह नोटिस दीघा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआरओ) गौरव कुमार ने जारी किया है जो उस क्षेत्र के एसडीओ हैं। इस नोटिस में कहा गया है कि जांच के बाद पाया गया कि आपका (तेजस्वी यादव का) नाम बूथ संख्या 204 (बिहार वेटरनरी कॉलेज) के क्रम संख्या 416 पर अंकित है। इसका ईपिक नंबर RAB-0456228 है। इस नोटिस में कहा गया है कि आपके (तेजस्वी के) बताये ईपिक नंबर RAB-2916120 आधिकारिक रूप से निर्गत प्रतीत नहीं होता है।
चुनाव आयोग ने तो इस ईपिक नंबर के लिए तेजस्वी यादव को नोटिस जारी कर दिया लेकिन बहुत से लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या चुनाव आयोग ने फर्जी वोटर कार्ड जारी किया है? वैसे, बहुत से दूसरे लोग हैं जिनकी शिकायत है कि उनकी जानकारी के बिना उनका वोटर कार्ड नंबर बदल दिया गया है।
तेजस्वी को दिए गए आयोग के नोटिस में उनसे उस वोटर कार्ड की मूल प्रति मांगी गई है जिसे आयोग आधिकारिक नहीं मान रहा है ताकि उसकी ‘गहन जांच’ हो सके।
इधर राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि दरअसल तेजस्वी यादव के वोटर कार्ड को चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर असली मुद्दे से भटकाने के लिए इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में जिस पन्ने पर तेजस्वी यादव का नाम है उस पर कई गड़बड़ियां हैं। इसके अलावा बहुत से वोटर का नाम इस सूची में नहीं है। इसके बारे में राजद ने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि इन आपत्तियों का जवाब देने के बदले चुनाव आयोग अब राजद के नेता को ही नोटिस दे रहा है।
राजद के एक और प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि उनकी पार्टी को जिस बात की चिंता थी वह सच साबित हो रही है। उनका कहना है कि जिस जगह तेजस्वी यादव का बूथ बताया जा रहा है वहां के बहुत से वोटरों का पता मकान नंबर 107 और मकान नंबर 109 दर्ज है। राजद ने इस पर तंज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग चाहे तो इन मकान संख्याओं को जिला घोषित कर सकता है।
राजद के आरोप के जवाब में चुनाव आयोग ने यह सफाई दी है कि क्योंकि नगर निगम द्वारा मकान संख्या देने में देर की जाती है इसलिए प्रतीकात्मक रूप से बहुत सारे वोटरों के नाम के आगे मकान संख्या 107 और 109 लिखा गया है। इधर एनडीए के नेताओं ने तेजस्वी यादव पर कथित तौर पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगाते हुए इसे चुनावी कानून का उल्लंघन बताया है।
जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव विश्वविद्यालय पर राजनीति कर रहे हैं। इसके अलावा एनडीए नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह मांग की गई कि चुनाव आयोग तेजस्वी यादव के खिलाफ कार्रवाई करे।
इधर, भाकपा माले ने चुनाव आयोग पत्र लिखकर पूछा कि ईपिक नंबर में बदलाव क्यों किया गया है। इसके अलावा उसने यह आप भी लगाया की बहुत सारे जिंदा मतदाताओं को वोटर लिस्ट से बाहर कर दिया गया है। पार्टी ने रविवार को जारी पत्र में आरोप लगाया कि गोपालगंज जिले के भोरे (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 339 पर दो ऐसे लोगों की सूची दी थी, जो जिंदा हैं लेकिन उनका नाम एसआईआर में नहीं आया। इस पर आयोग ने बताया कि दोनों के नाम एसआईआर में है, लेकिन ईपिक नंबर अलग है।
माले ने एक और उदाहरण में बताया कि गया के बाराचट्टी विधानसभा क्षेत्र के बूथ नंबर 305 पर एक ही ईपिक नंबर DQN0922989 पर दो लोगों के नाम हैं - प्रमिला देवी और शांति देवी, यह कैसे संभव है? माले ने पूछा कि दो अलग-अलग लोगों का एक ही ईपिक नंबर कैसे हो सकता है? माले ने इसके अलावा भी कई अनियमिताओं की शिकायत की है
वोटर कार्ड संख्या के अलावा बड़े पैमाने पर लोग यह शिकायत भी कर रहे हैं कि उन्होंने अपने गणना प्रपत्र के साथ दस्तावेज जमा किए हैं फिर भी उन्हें यह कहा जा रहा है कि वह दस्तावेज जमा करें और उसके लिए बीएलओ से संपर्क करें। ऐसे लोग यह पूछ रहे हैं कि आखिर उनके दस्तावेज कहां गए और उन्हें दोबारा दस्तावेज जमा करने के लिए क्यों कहा जा रहा है। इसके अलावा उन लोगों से भी दस्तावेज मांगे जा रहे हैं जिनके बारे में चुनाव आयोग ने कहा था कि अगर उनका या उनके माता-पिता में से किसी का एक का नाम 2003 की लिस्ट में है तो उन्हें दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है।
इस बारे में चुनाव आयोग ने अब तक कोई जानकारी नहीं दी है।