बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने गुरुवार को कई दोहरे वोटर कार्ड वाले नेताओं के सबूत पेश किए। बिहार एसआईआर पर चुनाव आयोग को तेजस्वी यादव ने बुरी तरह एक्सपोज कर दिया है। नेता विपक्ष राहुल गांधी के बाद तेजस्वी ही वोट चोरी के सबूत लगातार दे रहे हैं। तेजस्वी यादव ने सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की सांसद वीणा देवी और उनके पति, जनता दल (यूनाइटेड) के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने दावा किया है कि दोनों के पास दो-दो मतदाता पहचान पत्र (ईपीआईसी कार्ड) हैं और वे दो अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड हैं। इस दावे के समर्थन में तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्क्रीनशॉट साझा किए, जो बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) के तहत प्रकाशित मसौदा मतदाता सूची से लिए गए हैं।

तेजस्वी यादव के आरोप 

तेजस्वी यादव ने अपने एक्स पोस्ट में विस्तार से बताया कि वैशाली लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद चुनी गईं वीणा देवी, जो केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की अगुवाई वाली लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) की सदस्य हैं, के पास दो अलग-अलग ईपीआईसी कार्ड हैं-UT01134543 और GSB1037894। उन्होंने दावा किया कि वीणा देवी अपने लोकसभा क्षेत्र वैशाली के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट में रजिस्टर्ड मतदाता हैं और साथ ही मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट में भी मतदाता के रूप में दर्ज हैं। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया कि वीणा देवी के दो अलग-अलग वोटर आईडी कार्ड में उनकी उम्र भी अलग-अलग दर्ज है, जो एक गंभीर अनियमितता का मामला है।
उन्होंने सवाल उठाया कि मतदाता सूची संशोधन (एसआईआर) के दौरान वीणा देवी ने दो अलग-अलग गणना फॉर्म कैसे भरे और दो अलग-अलग हस्ताक्षर कैसे किए। तेजस्वी ने लिखा, “चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित नई मसौदा सूची में उनके दो अलग-अलग वोट, दो अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में दो अलग-अलग पहचान पत्र और दो अलग-अलग उम्र कैसे दर्ज हो गईं? क्या यह बीजेपी-एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा धोखाधड़ी, हेराफेरी और मिलीभगत का मामला नहीं है?”
ताज़ा ख़बरें
तेजस्वी ने वीणा देवी के पति, जेडीयू के विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) दिनेश सिंह पर भी समान आरोप लगाए। उन्होंने दावा किया कि दिनेश सिंह के पास भी दो ईपीआईसी कार्ड हैं- REM0933267 और UT01134527 और वे भी दो अलग-अलग लोकसभा क्षेत्रों में मतदाता के रूप में रजिस्टर्ड हैं। तेजस्वी ने पूछा, “क्या यह एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा की गई चुनावी धोखाधड़ी नहीं है? क्या चुनाव आयोग इन अनियमितताओं और अपनी गलतियों को स्वीकार करेगा? क्या दिनेश सिंह को दो अलग-अलग जगहों से दो अलग-अलग नोटिस जारी किए जाएंगे?”

दोहरे वोटर कार्ड के सबूत पहले भी दिए

तेजस्वी यादव ने इससे पहले बुधवार को बीजेपी की वरिष्ठ नेता और मुजफ्फरपुर की मेयर निर्मला देवी और उनके दो रिश्तेदारों पर भी दो-दो वोटर आईडी कार्ड रखने का आरोप लगाया था। इसके अलावा, उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर भी दो वोटर आईडी कार्ड होने का दावा किया था। जिसके जवाब में विजय सिन्हा ने इन आरोपों को खारिज किया था। लेकिन अपनी सफाई में उन्होंने माना कि उनके पास दो वोटर कार्ड हैं, जिसमें से एक के लिए उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा है कि उसे कैंसल किया जाए। सवाल ये है कि तेजस्वी अगर सबूत नहीं देते तो क्या विजय सिन्हा तब भी ऐसी सफाई देते।

दोहरे वोटर कार्ड पर एनडीए नेताओं की घिसीपिटी दलील 

इन आरोपों पर एनडीए नेताओं ने तेजस्वी के दावों को खारिज किया है। जेडीयू एमएलसी दिनेश सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले ही एक मतदाता सूची से अपना नाम हटाने के लिए आवेदन किया था और वे केवल एक ही स्थान से मतदान करते हैं। उन्होंने तेजस्वी पर “गलत तथ्यों के साथ लोगों को गुमराह करने” का आरोप लगाया। यह बचाव घिसापिटा है। इसी तरह का जवाब डिप्टी सीएम विजय सिन्हा और अन्य बीजेपी नेताओं ने दिए हैं। 

चिराग पासवान भी बोले 

वहीं, चिराग पासवान ने हाल ही में तेजस्वी के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि जिनके पास खुद दो वोटर आईडी कार्ड हैं, वे दूसरों पर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने संवैधानिक संस्थाओं को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया और कहा कि चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर जानबूझकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कौन हैं वीणा देवी और दिनेश सिंह 

वीणा देवी वैशाली लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद हैं और 2019 में लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के टिकट पर चुनी गई थीं। इससे पहले, वे 2010 में मुजफ्फरपुर के गायघाट विधानसभा सीट से बीजेपी की विधायक रह चुकी हैं। वे 2001 से 2006 तक मुजफ्फरपुर जिला परिषद की अध्यक्ष और 2006 से 2010 तक उपाध्यक्ष रह चुकी हैं।
उनके पति, दिनेश सिंह, जेडीयू के विधान पार्षद हैं और मुजफ्फरपुर से सक्रिय राजनीति में हैं। दंपति के खिलाफ 2009 में आचार संहिता उल्लंघन का एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें उन्हें 2022 में विशेष अदालत ने बरी कर दिया था।
बिहार से और खबरें

वोट चोरी के आरोपों का राजनीतिक प्रभाव 

बिहार एसआईआर विवाद आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गरमा रहा है। तेजस्वी यादव के इन आरोपों ने एनडीए और विशेष रूप से जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) पर दबाव बढ़ा दिया है। चुनाव आयोग ने पहले ही तेजस्वी के दावों के जवाब में कुछ नेताओं को नोटिस जारी किए हैं, और अब यह देखना बाकी है कि वीणा देवी और दिनेश सिंह के मामले में आयोग क्या कदम उठाता है। तेजस्वी ने यह भी आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग बीजेपी-एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है, जिससे इस मामले ने और तूल पकड़ लिया है। बिहार की सियासत में यह मुद्दा एक बड़ा विवाद बन सकता है, खासकर तब जब मतदाता सूची की विश्वसनीयता और चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। भारत के चुनाव आयोग यानी ईसीआई की विश्वसनीयता खत्म हो गई है।