loader

तेजस्वी ने पूछा - नीतीश जी, बिहार के प्रवासियों के लिए इतनी बेरुखी क्यों?

राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया है। यादव ने फ़ेसबुक पोस्ट लिखकर कहा है कि बिहार सरकार आख़िरकार अनिर्णय की स्थिति में क्यों है? यादव की प्रतिक्रिया उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कोटा में फंसे अपने प्रदेश के छात्रों को लाने के लिए बसें भेजे जाने के क़दम पर आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को छात्रों को लाने के लिए 300 बसें भेजी थीं। 

यादव ने कहा, ‘प्रवासी मजबूर मज़दूर वर्ग और छात्रों से इतना बेरुख़ी भरा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? विगत कई दिनों से देशभर में फँसे हमारे बिहारी प्रवासी भाई और छात्र लगातार सरकार से घर वापसी के लिए गुहार लगा रहे हैं लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार के कानों में जूँ भी नहीं रेंग रही है। आख़िर उनके प्रति असंवेदनशीलता क्यों है?’

तेजस्वी ने कहा कि गुजरात, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्य सरकारें जहाँ अपने राज्यवासियों के लिए चिंतित दिखीं और राज्य के बाहर फँसे हुए लोगों को उनके घरों तक पहुँचाने का इंतज़ाम किया, वहीं बिहार सरकार ने अपने बाहर फँसे राज्यवासियों को मँझधार में बेसहारा छोड़ दिया है।

इससे पहले नीतीश ने एनडीटीवी से बातचीत में उत्तर प्रदेश सरकार के इस क़दम को लॉकडाउन के सिद्धांत के साथ नाइंसाफ़ी बताया। 

कोटा में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र काफी दिन से सोशल मीडिया के माध्यम से उन्हें कोटा से उनके घर ले जाने की गुहार लगा रहे थे। क्योंकि लॉकडाउन लागू होने के बाद कोचिंग सेंटर बंद हो चुके हैं और ऐसे में वे वहां फंस चुके थे। हालांकि अब वे वापस आ गए हैं।  

ताज़ा ख़बरें

बीजेपी के सहयोगी नीतीश कुमार का योगी सरकार के इस क़दम का विरोध करना मोदी सरकार के लिए मुसीबत बन सकता है। क्योंकि मोदी सरकार लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का कड़ाई से पालन करने पर जोर दे रही है। ऐसे में दूसरे प्रदेशों से छात्रों को बसों से लाने पर इन दोनों का ही पालन नहीं हो सकेगा और इसी पर नीतीश कुमार ने आपत्ति जाहिर की है। नीतीश ने कहा है कि योगी सरकार के इस क़दम से लॉकडाउन का मतलब ही ख़त्म हो जाएगा। 

बिहार से और ख़बरें

बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस बारे में राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि उसे छात्रों को वापस लाने के लिए दी गई अनुमति को वापस ले लेना चाहिए। पत्र में लिखा है कि अगर आप छात्रों को अनुमति देते हैं तो फिर किस आधार पर ऐसे प्रवासी मजदूरों को रोकेंगे, जो दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं। 

राजस्थान में वैसे भी कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। ऐसे में छात्रों के वापस आने से उनके इलाक़ों में भी वायरस का संक्रमण फैलने का ख़तरा है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें