चुनाव आयोग (ECI) ने बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची के लिए 11 दस्तावेजों की सूची जारी की थी। इनमें कम से कम पांच दस्तावेजों में आवेदक के जन्म स्थान या जन्म तारीख बताने का जिक्र नहीं है। जबकि मतदाता सूची में शामिल होने के लिए आवेदक का जन्म स्थान और जन्म तारीख अनिवार्य शर्त है। यानी आयोग को खुद नहीं मालूम कि वो क्या चाहता है। यह पूरा मामला विवादास्पद हो गया है। आपने कल सत्य हिन्दी पर यह रिपोर्ट पढ़ी होगी कि पटना में चुनाव आयोग ने इन 11 दस्तावेजों से अलग हटकर आधार को भी स्वीकार किया लेकिन सीमांचल में आधार लेने से मना कर दिया। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान आयोग को सुझाव दिया कि आधार, वोटर कार्ड और राशन कार्ड जैसे अतिरिक्त दस्तावेजों को शामिल किया जाना चाहिए।