बानवे बरस की उम्र में भी, आशा भोसले की हँसी में वही शोखी और है, जैसे कोई सोलह साल की नवयौवना गुनगुना रही हो। और उनकी आवाज़? वो तो अब भी वैसी ही है- जो आधी सदी से ज़्यादा वक़्त तक अपनी गायकी से आपकी ज़िंदगी को रूमानी बनाती रही। कहती हैं, “अभी तो मुझे बहुत कुछ देना है!” कौन इस बात पर शक करेगा? वो जोश, वो जुनून, उसे कैसे बांधा जाए, जो हर खाँचे से फिसलकर बाहर निकल आता है?