विनोद कापड़ी की फ़िल्म 'पायर' को लेकर चर्चाएं तेज़ हैं। क्या यह फ़िल्म बोस्नियाई क्लासिक 'नो मैन्स लैंड' की भारतीय समांतर बन सकती है? जानिए कहानी, भाव, और निर्देशन की समानताएं।
सभी किरदार पहाड़ी ही हैं लेकिन फिर भी डायलॉग डिलीवरी के स्तर पर बारीकियों का बहुत खयाल रखा गया है ताकि वह ठेठ कुमाऊंनी गांव का एहसास दे।