मुंज्या हॉरर कॉमेडी फिल्म है। यानी डर के मारे धुकधुकी भी हो और ऊपर से हंसी भी फूटे! बड़ा कठिन है ! या तो डरोगे या हंसोगे। दोनों एक साथ होता है। । भट्ट लोगों ने हॉरर में सेक्स का मसाला डाल दिया, तो रामसे भाइयों ने हॉरर फिल्मों की ऐसी परिभाषा गढ़ दी थी कि हॉरर फिल्म यानी खूनी हवेली, तहखाना, बंद दरवाज़ा, मेरा शिकार, शैतानी मांग, खजाना,पुरानी हवेली आदि। वही बत्ती का जलना बुझना, श्मशान घाट, सफ़ेद साड़ी में सुंदरी, दरवाजे की चर्र चूं। दूर टाउन हॉल की घंटे की आवाज़ ! मुंज्या में ऐसा कुछ नहीं, लेकिन फिर भी यह फिल्म डराती है और हंसाती है। यह ट्रेडिशनल भूत वाली फिल्म नहीं है।
मुंज्या फिल्म समीक्षाः देसी हॉरर और कॉमेडी
- सिनेमा
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- 29 Mar, 2025
बॉलीवुड की एक और झेलनीय फिल्म मुंज्या की फिल्म समीक्षा डॉ प्रकाश हिन्दुस्तानी की कलम से।
