मशहूर फ़िल्म कलाकार नसीरुद्दीन शाह ने मौजूदा भारतीय फ़िल्म उद्योग की तुलना नात्सी जमाने के जर्मन फ़िल्म उद्योग से की और कहा कि उस समय की तरह भारत में आजकल प्रोपेगैंडा फ़िल्में बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।