loader

कोर्ट की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकेंगे आकार पटेल 

दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के मामले में सीबीआई को राहत दी है। कोर्ट ने अपने पिछले आदेश पर स्टे लगा दिया है जिसमें कहा गया था कि सीबीआई के निदेशक को पटेल से लिखित में माफी मांगनी होगी।

पटेल को एयरपोर्ट पर रोके जाने के मामले में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने बेहद कड़ी टिप्पणी की थी। कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि वह पटेल के खिलाफ जारी लुक आउट सर्कुलर नोटिस को वापस ले। लेकिन सीबीआई ने इस आदेश में संशोधन की मांग को लेकर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

ताज़ा ख़बरें

सीबीआई के विशेष जज ने पटेल को निर्देश दिया है कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश से बाहर नहीं जाएं। 

सीबीआई की ओर से पेश हुए वकील निखिल गोयल ने कहा कि उन्हें राउज रेवेन्यू कोर्ट के आदेश को चुनौती देने का वक्त नहीं दिया गया।

दूसरी ओर, पटेल की ओर से अदालत में पेश हुए एडवोकेट तनवीर अहमद मीर ने अदालत से निवेदन किया कि इस मामले की सुनवाई आज ही की जाए क्योंकि इससे पटेल के आने वाले दिनों के कार्यक्रमों पर असर पड़ेगा। लेकिन अब इस मामले में अगली सुनवाई 12 अप्रैल को होगी।

दिल्ली से और खबरें

सीबीआई के वकील ने कहा कि लुक आउट सर्कुलर जारी करने के अधिकार को गलत ढंग से बताया गया और गुरुवार के अपने आदेश में राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई के कामकाज को लेकर कुछ टिप्पणियां की जिन्हें रद्द कर दिया जाना चाहिए। सीबीआई के वकील ने कहा कि उनकी जांच पूरी तरह ठीक है, एजेंसी ने चार्जशीट जमा कर दी है और ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे कहा जा सके कि कहीं कोई पक्षपात हुआ है।

पटेल ने आरोप लगाया था कि सीबीआई के जांच अधिकारी ने अदालत के आदेश के बाद भी अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया था। आकार पटेल को गुरूवार शाम को फिर से एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था।

पटेल के वकील एडवोकेट तनवीर अहमद मीर ने अदालत से कहा कि इस मामले के जांच अधिकारी को अदालत में ही बता दिया गया था कि आकार पटेल गुरुवार शाम को देश से बाहर जाएंगे और अदालत का आदेश साफ कहता है कि सीबीआई इस बारे में जल्द से जल्द एयरपोर्ट पर मौजूद इमीग्रेशन के अफसरों को सूचित करेगी। 

पटेल को कुछ दिन पहले अमेरिका जाते वक्त बेंगलुरु एयरपोर्ट पर रोक लिया गया था और इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। पटेल ने अदालत को बताया था कि क्योंकि एमनेस्टी इंटरनेशनल के खिलाफ फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज है इसलिए उनका नाम एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाल दिया गया है। 

सीबीआई ने एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया और इसके 3 सहयोगी संगठनों के खिलाफ नवंबर 2019 में मुकदमा दर्ज किया था। 

यह मुकदमा केंद्रीय गृह मंत्रालय की शिकायत पर फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेग्युलेशन एक्ट 2010 और भारतीय दंड संहिता के कथित उल्लंघन पर दर्ज किया गया था।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें